आंध्रप्रदेश: सीएम को ज्ञापन सौंपने जा रही आंदोलनकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने लिया हिरासत में
वेतन वृद्धि और अन्य लाभों की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के 22 जनवरी को ‘चलो विजयवाड़ा’ के आह्वान के बाद विजयवाड़ा पुलिस ने कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को हिरासत में ले लिया.
राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन 40 दिनों से अधिक समय से चल रहा है. सोमवार को विजयवाड़ा पुलिस ने कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया,जब हजारों कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा हस्ताक्षरित अपनी मांगों का चार्टर मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को सौंपने जा रहे थे.
हाल के दिनों में आंदोलन में तेजी आई है, राज्य भर में 55,600 से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र अब बंद हो गए हैं और एक लाख से अधिक कार्यकर्ता और सहायिका हड़ताल पर बैठी हैं.
सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम, 1971 लागू करके आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को छह महीने के लिए आंदोलन में शामिल होने से प्रतिबंधित करने के बावजूद विरोध जारी है.
कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ विजयवाड़ा में मायलावरम पुलिस स्टेशन के सामने धरना दिया. पुलिस को गुंटूर और अन्य स्थानों से विजयवाड़ा जा रहे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेते और उन्हें उनके शहरों में वापस भेजते देखा गया.
मालूम हो कि ‘चलो विजयवाड़ा’ विरोध आह्वान से एक दिन पहले, विजयवाड़ा पुलिस ने घोषणा की थी कि विरोध प्रदर्शन के लिए उनकी अनुमति नहीं थी और सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 144 के तहत शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी.
एनटीआर जिला पुलिस आयुक्तालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ‘उन्हें कुछ असामाजिक ताकतों के बारे में जानकारी थी जो विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने की योजना बना रहे थे.’
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वर्तमान में प्रति माह 11,500 रुपये का भुगतान किया जाता है, जबकि सहायकों को 7,000 रुपये मिलते हैं।.
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि “उनका मासिक वेतन 26,000 रुपये तक बढ़ना चाहिए साथ ही सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले ग्रेच्युटी और बीमा जैसे लाभ और उनकी नौकरियों को नियमित करना शामिल है”
टीडीपी प्रमुख और पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई की निंदा की.
राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए अयोध्या में मौजूद नायडू ने कहा, “यह अत्याचारपूर्ण है कि सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कदम उठा रही है. विरोध को दबाने और अनैतिक तरीके से हड़ताल तोड़ने के बजाय सरकार को उनकी समस्या के समाधान पर ध्यान देना चाहिए. ”
आंध्रप्रदेश में इस साल अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं और कई विशेषज्ञों का मानना है की इस आंदोलन का आगामी चुनावों पर असर पड़ने वाला है.
(द न्यूज़ मिनट की खबर से साभार )
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