1 जून को बिजली कर्मचारियों के काला दिवस मनाने पर जेल और जुर्माने की धमकी के साथ प्रतिबंध
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By आशीष सक्सेना
ऐसा करने वाले समिति में शामिल सभी 18 श्रम व सेवा संगठनों को आज (30 मई) दोपहर को नोटिस जारी कर दिया गया। सरकार ने आवश्यक वस्तु सेवा अधिनियम, महामारी अधिनियम, आपदा अधिनियम लागू होने का हवाला देकर विरोध को प्रतिबंधित कर दिया है।
इसके बावजूद विरोध करने वालों को जेल और जुर्माने के साथ वेतन काटने के नियम को कड़ाई से लागू करने की धमकी दी है। कार्रवाई करने में नरमी बरतने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी है, जिससे कर्मचरियों पर ढिलाई न बरती जाए।
यहां बता दें, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के जरिए निजीकरण का विरोध कर रही है। समिति का कहना है कि इससे न सिर्फ कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी महंगी बिजली मिलेगी। इससे पहले जहां भी निजीकरण किया गया, वहां उपभोक्ताओं और कर्मचारियों का हाल बेहद खराब है।
बिल के विरोध में कर्मचारियों ने 1 जून को काला दिवस मनाने के साथ ही दोपहर बाद तीन बजे से पांच बजे के बीच विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। सरकार के सख्त रुख को देखते हुए कर्मचारी संगठन विचार विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने सरकार के रवैये की निंदा की है।
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