बेलसोनिका मज़दूर यूनियन भी अग्निपथ के विरोध में, तत्काल योजना को वापस लेने की मांग

बेलसोनिका मज़दूर यूनियन भी अग्निपथ के विरोध में, तत्काल योजना को वापस लेने की मांग

अग्निपथ योजना ने 14 जून से ही पूरे देश में बवाल मचा रखा है। इस योजन के विरोध में देशभर के बड़े बड़े मज़दूर संगठनों ने अपना विरोध दर्ज किया है।

सोमवार को हरियाणा के आईएमटी मानेसर में स्थित बेलसोनिका कंपनी की बेलसोनिका मज़दूर यूनियन ने भी मोदी सरकार द्वारा लाई गई सेना में ठेकाकारण की “अग्निपथ योजना” पर अपना विरोध दर्ज किया है।

साथ ही साथ यूनियन ने छात्रों-नौजवानों के साथ अपनी एकजुटता को कायम किया है।

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बेलसोनिका मज़दूर यूनियन के सदस्यों का कहना है कि ” स्किल इण्डिया के नाम पर निजी कारखानों में परमानेंट नौकरी को खत्म कर 3 वर्ष के लिए नीम ट्रेनी, 2 वर्ष के लिए अप्रेन्टिस व फिक्स टर्म इम्प्लॉयमेंट जैसे अधिकारविहीन व अस्थाई मजदूर स्किल इण्डिया के नाम पर भर्ती किए जा रहे हैं।

मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर ऐसे मजदूर भर्ती कर स्थाई रोजगार पर सरकार द्वारा हमला बोला जा रहा है।”

साथ ही उनका कहना है कि” स्किल इण्डिया के नाम पर भर्ती किए गए इन मज़दूरों पर फैक्ट्री मालिकों की किसी भी प्रकार की कोई सामाजिक या जनकल्याणकारी सुविधाएं देने की जिम्मेदारी नहीं बनती।

चार लेबर कोड लागू कर मजदूरों को अधिकार विहिन व स्थाई रोजगार से दूर किया जा रहा है। इसी तरह से मोदी सरकार तीन कृषि कानून लागू कर खेती को कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती थी।”

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मज़दूर यूनियन की मांगें हैं कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली इस “अग्निपथ योजना” को तत्काल वापिस लिया जाए। “अग्निपथ योजना” का विरोध कर रहे छात्रों-नौजवानों पर दर्ज मुकदमों को वापिस लिया जाए तथा गिरफ्तार छात्रों-नौजवानों को रिहा किया जाए।

साथ ही उदारीकरण- निजीकरण की पूंजीपरस्त नीतियों को रद्द किया जाए। व सार्वजनिक उद्यमों में निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाओ तथा ठेका प्रथा को रद्द किया जाए।

गौरतलब है कि 14 जून को केंद्र सरकार ने भारतीय सेना में भी निजीकरण की पूंजीपरस्त नीतियों को लागू करते हुए 4 वर्ष की संविधा व अस्थाई नौकरी का प्रावधान “अग्निपथ योजना” के नाम से शुरू करने का ऐलान किया था।

जिसके बाद पूरे देश में इस योजन को वापस लेने कि मांग की जारही है। मोदी सरकार ने बीते सालों में उदारीकरण के नाम पर की पूंजीपरस्त नीतियों में सार्वजनिक उद्यमों जैसे भारतीय रेल, भेल, गेल, रोडवेज, एयर इण्डिया, बैंक, बीमा, बिजली, कोयला खाद्यान, ओर्डिनेंस कारखानों, भारतीय पेट्रोलियम आदि जैसे बड़े-बड़े उद्यमों को अम्बानी-अडानी, टाटा-बिडला जैसे एकाधिकारी पूंजीपतियों को सौंप दिया है, और कुछ को सौंपने की योजना बना रही है।

अब भारतीय सेना में भी स्किल इण्डिया के नाम पर ठेकेदारी लागू कर नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की तैयारी सरकार ने लगभग कर ली है। वही दूसरी तरफ पूंजीपतियों की संस्था “फिक्की” ने सरकार की “अग्निपथ योजना” का जोरदार स्वागत किया है।

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WU Team

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