भारत बंद: दिल्ली-यूपी, पंजाब-हरियाणा में सड़कों पर उतरे किसान, राकेश टिकैत बोले- लंबे आंदोलन की तैयारी
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में तमाम किसान संगठनों ने एक बार फिर हुंकार भरी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने (27 सितंबर) भारत बंद का आह्वान किया था।
इसका असर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब जैसे उत्तर भारत के राज्यों में देखने को मिल रहा है। किसानों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया है। दिल्ली यूपी के गाजीपुर बॉर्डर को भी ब्लॉक कर दिया गया है। हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं।
वहीं दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने सुरक्षा कारणों से एक मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है। बंद सुबह 6 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक जारी रहेगा। किसान संगठनों ने सभी देशवासियों को बंद में शामिल होने के साथ-साथ इसे पूरी तरह से सफल बनाने की अपील की है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बंद के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की है। 40 से अधिक किसान संगठनों के निकाय एसकेएम ने एक बयान में कहा, ”पिछले साल 27 सितंबर, 2020 को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने तीन किसान विरोधी काले कानूनों को मंजूरी दी थी और उन्हें लागू किया था। सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक देशभर में पूरी तरह से बंद रहेगा।”
वहीं राकेश टिकैत ने कहा है कि बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और एंबुलेंस समेत किसी भी आपात सेवाओं को नहीं रोका जाएगा। उन्होंने बताया, ”हम कृषि कानूनों के खिलाफ दस साल तक भी आंदोलन को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हमें बिना शर्त वार्ता को बुलाए तो हम कहीं भी चर्चा को तैयार हैं।”
बंद को कांग्रेस, लेफ्ट, राजद समेत 10 से ज्यादा विपक्षी दलों ने समर्थन दिया है।
(साभार- एनडीटीवी)
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