22 जुलाई से संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे किसान, बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमाओं की तरफ कूच

22 जुलाई से संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे किसान, बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमाओं की तरफ कूच

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार बातचीत को तैयार नहीं है। इसलिए हम 22 जुलाई को दिल्ली जाएंगे और संसद के बाहर बैठेंगे। हर दिन 200 लोग वहां जमा होंगे।

इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर हैंडल से एक पोस्टर भी जारी किया है, जिसमें सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि संसद अगर अहंकारी और अड़ियल हो तो देश में जनक्रांति निश्चित होती है।

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अपने बयान में कहा कि संगठन किसानों के लिए संसद में आवाज उठाने के लिए 17 जुलाई तक विपक्षी दलों को पत्र भेजेगा।

ये पत्र सांसदों को उनके निजीआवास/कार्यालय पर पहुँचाए जाएंगे या उन्हें ईमेल किया जाएगा।

मोर्चा ने कहा था, ”हम चाहते हैं कि विपक्षी दल सुनिश्चित करें कि किसान आंदोलन और उनकी मांगें चर्चा का मुख्य मुद्दा बनें और सरकार पर मांगों को मानने का दबाव बने। हम नहीं चाहते हैं कि विपक्ष हंगामा करे या सदन से बहिर्गमन करे, हम चाहते हैं कि ऐसे में जबकि किसान बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं वह रचनात्मक तरीके से संसद की कार्यवाही में भाग ले।”

वहीं मॉनसून सत्र के दौरान संसद भवन के बाहर प्रदर्शन में भाग लेने के लिए पंजाब के विभिन्न हिस्सों से किसानों के काफिलों ने दिल्ली की ओर यात्रा शुरू कर दी है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, ‘लुधियाना, संगरूर, मनसा, बठिंडा, बरनाला, रोपड़, फाजिल्का और फरीदकोट सहित विभिन्न जिलों के दर्जनों कारवां सिंघू और टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना हो चुके हैं।’

इसके अलावा हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और यहां तक ​​कि पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक जैसे सुदुर राज्यों से किसान और नेता विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं।

एसकेएम की योजना के अनुसार, विरोध की योजना बनाई जाएगी और उसे व्यवस्थित और शांतिपूर्ण तरीके से अंजाम दिया जाएगा, जिसमें 200 किसान प्रतिदिन विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे।

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Amit Singh

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