मजदूरों को बेरोजगार करने पर उतारू सेंचुरी प्रबंधन, कंपनी के मेन गेट पर जबरदस्ती लगाया वीआरएस नोटिस

मजदूरों को बेरोजगार करने पर उतारू सेंचुरी प्रबंधन, कंपनी के मेन गेट पर जबरदस्ती लगाया वीआरएस नोटिस

मुंबई आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर मगरखेड़ी सन्नाटी स्थिति सेंचुरी मिल के बाहर हाल में भारी पुलिस बल नजर आया।

यह सेंचुरी मिल पिछले करीब तीन सालों से बंद पड़ी है। इसका मामला वर्तमान में न्यायालय में विचारधीन है।

हाल में कंपनी परिसर के अंदर प्रबंधन स्तर की बैठक हुई। जिसके तुरंत बाद कंपनी के मुख्य गेट पर वीआरएस की सूचना लगा दी गई।

प्रबंधक ने कंपनी को चालू दिखाते हुए मुख्य गेट पर यह वीआरएस नोटिस लगाई। गौरतलब है कि कंपनी का मामला न्यायालय में विचाराधीन है बावजूद इसके मेन गेट पर नोटिस बोर्ड लगा दिया गया।

कंपनी का यह कदम मजदूरों की समझ से बाहर है।

इस पूरे मामले को लेकर प्रबंधक अनिल दुबे का कहना है कि वह तो इंदौर में हैं।

हालांकि मजदूरों का साफ तौर पर कहना है कि सूचना बोर्ड लगा हुआ। इस नोटिस में उनके साइन भी हैं। बिना उनके साइन के कोई नोटिस लगाई ही नहीं जा सकती है।

इस बार में मजदूर दुर्गेश खवसे ने कहा, ” यह नोटिस मंगलवार उन्होंने लिखित रूप से कंपनी के मुख्य गेट पर लगाया है। मिल बंद होने के 6 महीने के बाद में भी मजदूरों को इन लोगों ने वीआएरएस का प्रलोभन दिया था। लेकिन मजदूरों ने इसका जोरदार तरीके से विरोध किया था। मजदूर चाहते थे कि मिल चले और सेंचुरी के मजदूरों को रोजगार मिले जिसे लेकर साल हो गए।”

दुर्गेश ने आग बताया कि मजदूर लगातार रोजगार की मांग कर रहे हैं, लेकिन कंपनी प्रबंधन ने जबरन वीआरएस का नोटिस मेन गेट पर चस्पा किया। हमें वीआरएस नहीं चाहिए, रोजगार चाहिए। कंपनी चले और सबको रोजगार मिले। जो हम आज तक रोजगार की मांग करते आ रहे हैं।

इस बारे में कसरावद के तहसीलदार केशिया सोलंकी कहते हैं कि यह प्राइवेट मिल है। इस बार में कोई जानकारी नहीं है। मैं तो शांति व्यवस्था को देखने के लिए पुलिस प्रशासन को लेकर गया था। उन्होंने नोटिस चस्पा किया है। मुझे जानकारी नहीं है।

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Amit Singh

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