स्पाइसजेट में वेतन के मुद्दे पर हड़ताल, दिल्ली एयरपोर्ट पर 150 कर्मचारियों ने बंद किया काम

स्पाइसजेट में वेतन के मुद्दे पर हड़ताल, दिल्ली एयरपोर्ट पर 150 कर्मचारियों ने बंद किया काम

कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश का विमानन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कर्मचारी वेतन के लिए परेशान हैं।

कर्मचारियों के वेतन में कटौती हुई है और साथ ही इसका भुगतान अनियमित समय पर किया जा रहा है। इसलिए आज स्पाइसजेट के कर्मचारियों के एक वर्ग ने दिल्ली हवाई अड्डे पर हड़ताल की। लेकिन अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद कर्मचारी काम पर लौट गए।

इस संदर्भ में स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर कंपनी की विमानन सेवा सुचारू रूप से चल रही है। दिल्ली हवाई अड्डे पर कार्यरत कर्मचारी कुछ मुद्दों को लेकर असंतुष्ट थे। अब वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के बाद इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है।

दरअसल महामारी की वजह से यात्रा पर प्रतिबंध के चलते स्पाइसजेट को वित्तीय घाटा उठाना हुआ है। ऐसे में कंपनी ने 2020 से अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है।

पिछले महीने बजट वाहक स्पाइसजेट ने जून में समाप्त तिमाही के नतीजे जारी किए थे। इस दौरान कंपनी को 729 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है क्योंकि महामारी की दूसरी लहर की वजह से कंपनी का उड़ान संचालन प्रभावित हुआ था। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी को 593 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।

यह मामला ऐसे समय आया है जब एयरलाइन के एक पूर्व पायलट ने उड्डयन नियामक डायरेक्‍टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को लिखे लेटर में दावा किया है कि एयरलाइन सुरक्षा नियमों का उल्‍लंघन कर रही है और वेतन में कटौती को लेकर भारी दबाव में हैं।

DGCA ने इस लेटर को स्‍वीकार करते हुए कहा है कि वह सुरक्षा उल्‍लंघनों संबंधी लेटर में उठाए गए मुद्दों पर गौर करेगा। कैप्‍टन विनोद लोगानाथन की ओर से लिखे गए इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान स्‍पाइसजेट ने अपने फायदे के लिए कार्गो को एयरक्राफ्ट की सीलिंग तक भरना शुरू कर दिया जो कि DGCA की गाइडलाइंस का साफ तौर पर उल्‍लंघन है। कैप्‍टन लोगानाथन अब एयरलाइन कंपनी को छोड़ चुके हैं।

(साभार-अमर उजाला)

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Amit Singh

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