दिल्ली में लॉकडाउन की मियाद 3 मई तक बढ़ी, प्रवासी मज़दूरों में बढ़ी बेचैनी
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। अब तीन मई तक सुबह पांच बजे तक के लिए लॉकडाउन आयद हो गया है, जिससे प्रवासी मज़दूरों के अंदर बेचैनी बढ़ रही है।
हालांकि कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने प्रवासी मज़दूरों के लिए कुछ घोषणाएं की हैं लेकिन पिछले साल के लॉकडाउन के दौरान पेश आई दिक्कतों को देखते हुए अधिकांश मज़दूर अपने घर को रवाना हो रहे हैं।
हाई कोर्ट ने 19 अप्रैल को दिल्ली सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि मजदूरों को जरूरी चीजें मुहैया करवाई जाएं, लॉकडाउन की वजह से उन्हें परेशानी नहीं होनी चाहिए। इसके बाद मजदूरों को आर्थिक मदद देने का फैसला किया गया।
ज़ी बिज़नेस की एक ख़बर के अनुसार, दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने कहा कि केजरीवाल सरकार के आदेश के मुताबिक दिहाड़ी मजदूरों और प्रवासी मजदूरों को राजधानी में शेल्टर, खाना, पानी और मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई जाएंगी।
कोर्ट में दाखिल दिल्ली सरकार के हलफनामे के मुताबिक, रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को 5,,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। वहीं प्रवासी मजदूरों की पहचान और मदद के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी और फिर उनकी मदद की जाएगी।
प्रवासी मजदूरों के लिए गठित की जाने वाली कमेटी में 7 सदस्य होंगे जिसमें सीनियर अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। कमेटी मजदूरों की आर्थिक मदद के साथ-साथ उनके खाने-पीने, मेडिकल सुविधा और शेल्टर और सभी चीजों का ध्यान रखेगी, ऐसा केजरीवाल सरकार ने वादा किया है।
उधर केजरीवाल ने कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए यह आखिरी हथियार है। अभी भी कोरोना का कहर जारी है। यह कम नहीं हो रहा। बढ़े हुए लॉकडाउन के दौरान भी उसी तरह की छूट और पाबंदियां रहेंगी जैसा अभी तक रही हैं।
केजरीवाल ने कहा कि ऑक्सिजन मैनेजमेंट को लेकर हमने पोर्टल बना दिया है। ऑर्डर जारी कर दिए हैं। इसमें हर दो घंटे में मैन्युफैक्चर, सप्लायर, अस्पताल को बताना होगा कि ऑक्सिजन की क्या पोजिशन है।
उन्होंने कहा कि अभी केंद्र सरकार से 480 टन ऑक्सीजन अलॉट हुई है। अभी 700 टन की जरूरत है और मिल रही है सिर्फ 330-335 टन, जबकि अलॉटमेंट 490 टन का हो गया है।
दो दिन पहले पीएम मोदी और मुख्यमंत्रियों की बैठक में केजरीवाल ने अपने भाषण को लाईव कर दिया था जिसके बाद काफी विवाद पैदा हो गया। सोशल मीडिया पर मोदी के रवैये की खासी आलोचना की गई। जबकि बीजेपी ने केजरीवाल पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
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