फिर प्रदर्शन पर उतरे रेहड़ी पटरी वाले, MCD के मुख्यालय का किया घेराव
दिल्ली में रेहड़ी पटरी दुकानदारों को कोरोना काल से ही लगातार उजाड़ने की कोशिशों पर आखिरकार लोगों का गुस्सा फूटा और दिल्ली नगर निगम का उन्होंने घेराव किया।
प्रदर्शनकारियों ने रेहड़ी पटरी दुकानदारों को उजाड़ने की एमसीडी की कार्यवाहियों का पुरज़ोर विरोध किया और 10 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। इसमें टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्यों को भत्ता न्यूनतम वेतन के आधार पर देने की मांग की गई।
टाउन वेंडिंग कमिटी (TVC) सदस्य और हॉकर्स जॉइंट एक्शन कमेटी के सचिव जय प्रकाश ने बताया कि TVC का पहला काम सभी स्ट्रीट वेंडर्स का सर्वे करना था।
TVC को बने हुए चार साल हो गए लेकिन सर्वे का काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है। अब तक दिल्ली में मात्र 70000 के करीब स्ट्रीट वेंडर्स का सर्वे सरकार द्वारा किया गया है।
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सर्वे में आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, चालान जैसे कागजात कि अनिवार्यता कि वजह से अधिकांश स्ट्रीट वेंडर्स का सर्वे नहीं किया जा रहा है।
हॉकर्स जॉइंट एक्शन कमेटी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एच एस रावत क कहना है की सर्वे करने के बाद MCD द्वारा रेहड़ी पटरी वालों को विक्रय प्रमाण पत्र ( COV ) दिया गया है।
रेहड़ी पटरी कानून 2014 के अनुसार जिसके पास विक्रय प्रमाण पत्र है वही रेहड़ी पटरी लगा सकता है।
गौरतलब है की MCD लगातार COV धारक रेहड़ी पटरी वालों का उजारीकरण कर रही है जिससे रेहड़ी पटरी वालों में व्यापक असंतोष है।
बता दें कि 2018 में दिल्ली नगर निगम ने रेहड़ी पटरी वालों के बीच चुनाव का आयोजन किया था। जिसमें पूरी दिल्ली से रेहड़ी पटरी वालों के अधिकृत नेता चुन कर आये थे।
इन सभी को लेकर सम्बंधित सरकारी विभागों और गैर सरकारी संगठनों को मिला कर टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किया था।
पथ विक्रेता आजीविका संरक्षण एवं नियमन कानून 2014 ने सभी शहरों में टाउन वेंडिंग कमेटी बनाने का प्रावधान किया है। इस केंद्रीय कानून के अनुसार पथ विक्रेता के सभी मामलों कि सुनवाई और निर्णय का अंतिम अधिकार टाउन वेंडिंग कमेटी को दिया गया है।
TVC मृत कर्मियों को नहीं मिला मुआवजा
हॉकर्स जॉइंट एक्शन कमेटी की राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी सुषमा ने बताया की कोरोना काल में TVC सदस्यों से सर्वे का काम करवाया गया।
इस दौरान हमारे एक TVC मेंबर की कोरोना से मौत भी हुई जिसके परिवार को अभी तक सरकार से कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।
सर्वे की इस प्रक्रिया में सभी TVC सदस्य अपनी आजीविका का काम छोड़ कर और अपने जान को जोखिम में डालकर अपने-अपने जोनों में रेहड़ी पटरी वालों के सर्वे कराने में लगे रहे।
रेहड़ी पटरी वाले पहले से ही स्वरोजगार करते हैं और आर्थिक रूप से कमज़ोर है।
ऐसे में MCD ने कोरोना काल में सर्वे की प्रक्रिया में उनका पूरा इस्तेमाल किया और उन्हें कोरोना से बचाव के लिए सेफ्टी गियर तक उपलब्ध नहीं कराय।
कोरोना से बचाव के लिए उन्होंने खुद के पैसे से ही ज़रूरी सुरक्षा उपाय किये। अभी तक TVC को किसी भी तरह का कोई भत्ता नहीं दिया गया जबकि रेहड़ी पटरी कानून 2014 के अंतर्गत भत्ते का प्रावधान है।
‘विक्रय स्थान से किया जा रहा है बेदखल’
हॉकर्स जॉइंट एक्शन कमेटी से जुड़े हुए TVC सदस्य चरण सिंह ने कहा कि “दिल्ली में वेंडिंग जोन बनाने की प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं हुई है और बगैर वेंडिंग जोन बनाये हुए ही MCD द्वारा व्यापक स्तर पर रेहड़ी पटरी वालों को उनके विक्रय स्थान से बेदखल किया जा रहा है जो कानून का उलंघन है।”
हॉकर्स के साथ काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मंसूर रज़ा ने बताया कि रेहड़ी पटरी वालों के पास स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं है और उन्हें बारिश ,धूप और ठण्ड जैसे मौसमों कि मार और स्वास्थ्य के खतरे झेलते हुए अपना रोजगार करना पड़ता है। इसलिए सारे रेहड़ी पटरी वालों को उचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ESIC से जोड़ा जाना चाहिए।
हॉकर्स जॉइंट एक्शन कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए Affordable rental housing स्कीम कि घोषणा की है। कुमार ने बताया कि दिल्ली सरकार के 38000 से ज्यादा मकान बनकर खाली पड़े हैं। उन्हें प्रवासी मजदूरों को उचित किराये पर आवंटित कर देना चाहिए।
संगठन की मांग
- TVC सदस्यों को भत्ता न्यूनतम वेतन के अनुसार दिया जाए
- जहा वेंडिंग वही वेंडिंग जोन दिया जाये
- कानून के अनुसार TVC को MCD में कार्यालय दिया जाए
- कानून के अनुसार TVC को कर्मचारी उपलब्ध किये जाए
- MCD द्वारा पटरी उजाड़ना बंद किया जाए
- सभी रेहड़ी पटरी वालो का सर्वे का काम पूरा किया जाए
- MCD बजट में TVC के लिए बजट का प्रावधान किया जाए
- सभी रेहड़ी पटरी वालों को ESIC की सुविधा दी जाए
- प्रवासी हॉकर्स को सस्ते कराये पर घर उपलब्ध केरे जाए
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