भूतपूर्व वित्त सचिव की पुस्तक में खुलासा: किसान सम्मान निधि योजना के तहत बाटें गए हजारों करोड़ के अतिरिक्त धन की जांच होनी चाहिए
By रविंद्र गोयल
द वायर को दिए गए एक साक्षात्कार में भारत सरकार के भूतपूर्व वित्त सचिव श्री सुभाष चन्द्र गर्ग ने 2018 में मोदी सरकार द्वारा लागू की गई पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत दिए गए हजारों करोड़ के अतिरिक्त धन की जांच का सवाल उठाया है.
सुभाष चंद्र गर्ग अपनी लिखी पुस्तक ‘ We Also Make Policy’ पर द वायर के साथ चर्चा के दौरान ये बातें कही.
आइये समझते हैं की मामला क्या है
अपनी पुस्तक ‘ We Also Make Policy’ में गर्ग बताते हैं कि ‘ 1 फ़रवरी 2019 के बजट में तत्कालीन वित्तमंत्री पियूष गोयल ने प्रधान मंत्री सम्मान कृषि योजना (पीएम किसान योजना) की घोषणा की. जिसके अंतर्गत 2 हेक्टेयर से कम ज़मीन पर खेती करने वाले किसानों को आय की मदद के रूप में हर साल 6000 रुपये तीन किश्तों में दिया जायेगा’.
मालूम हो कि पीएम मोदी द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए 1 दिसंबर 2018 को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का शुभारम्भ किया गया था. इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा लाभार्थी किसानों को 2000 रुपये की तीन सामान किस्तों में सालाना 6000 रुपये की धनराशि दी जाती है. जो सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक अकाउंट में भेज दिया जाता है.
आंकड़ें बताते है कि इस योजना के तहत साल 2019-20 में 9 करोड़ किसानों को सम्मान राशि दी गयी. 2020-21 में ये राशि लेने वाले किसानों की संख्या बढ़ कर 10.5 करोड़ हो गई. जबकि 2021-22 में इस योजना के तहत 11 करोड़ किसान लाभान्वित हुए. लेकिन 2022- 23 में लाभान्वित किसानों की संख्या केवल 8.5 करोड़ रह गयी.
यहाँ यह जानना दिलचस्प होगा कि सरकारी अनुमानों के अनुसार देश में 8 करोड़ किसान हैं. और 2022- 23 में लाभान्वित किसानों की 8.5 करोड़ की संख्या सच के ज्यादा करीब है.
ऐसे में ये सवाल उठना वाजिब है कि बीते सालों में जो अतिरिक्त किसानों को इस योजना के तहत लाभ मिला है उनकी सच्चाई क्या है.
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