मेरा देशप्रेम और तुम्हारी राष्ट्रभक्ति
मेरी देशभक्ति एक विहंगम दृश्य है तुम्हारी सिर्फ सेल्फी। मेरी देशभक्ति मेरी मिट्टी जहां मैं बड़ी हुई उसके हर स्वाद और महक से लबरेज है जबकि तुम्हारी वाट्सएप के आगे बढाया गया मैसेज है।
वो ट्विटर पर प्राउड इंडियन की सिर्फ घोषणा है। मेरी देश भक्ति प्रेम है और तुम्हारी लव जेहाद और एंटी रोमियो। मेरी देशभक्ति प्रश्न खड़े करती है और तुम्हारी तो इंटरनेट पर भी बहस बंद करने का ऐलान करती है।
मेरी देशभक्ति राष्ट्रभक्ति से अलग है तुम्हारी भक्ति ये अंतर नहीं पहचानती। मेरी देशभक्ति खुद को साबित करने या पैमाने में नपती नहीं तुम्हारी तो झंडे के आकार और ऊंचाई से तय होती है।
मेरी देशभक्ति आलोचक और आलोचना दोनों का स्वागत करती है जबकि तुम्हारी हर नागरिक से सिर्फ पूजा करना की अपेक्षा रखती है। मेरी देशभक्ति विरोध करना, विरोध के मुद्दे दाखिल करने को अपना हक समझती है जबकि तुम्हारा राष्ट्रप्रेम इंटरनेट पर ट्रोल बिठाने और इनकम टैक्स को गुंडे की तरह इस्तेमाल करता है।
मेरी देशभक्ति प्रेम और सजा देने में दो आंख नहीं करती। तुम्हारी चहेते को बख्शती है। मेरी देशभक्ति चाहती है कि हर कोई समरसता से रहे तुम्हारी, हर असहमत स्वर को पाकिस्तान भेजना चाहती है।
जो सत्ता के विरोध में बोले वो तुम्हारे लिए राष्ट्रद्रोही है। तुम्हारी राष्ट्रभक्ति हैशटैग ट्रेंड शुरू कर सकता है मेरा देशप्रेम इतना टेकसैवी नहीं है।
मेरे देशप्रेम में गंगा जमुना की धारा अमर अकबर एंथोनी और वीर-जारा है तुम्हारे राष्ट्रप्रेम में सिर्फ एक धर्म के लिए जगह है। मेरा देशप्रेम लोगों को करीब लाता है तुम्हारा उन्हें बांटता है।
मेरी देशभक्ति में सावित्रीबाई फूले है तुम्हारे राष्ट्रप्रेम में सावरकर।
मेरी देशभक्ति में स्त्रियों की उर्जा है जबकि तुम्हारे राष्ट्रप्रेम को मर्दानगी की बार-बार जरूरत पड़ती है। तुम मुझे और औरतों की ताकत को काबू करने की अपनी योग्यता को मर्दानगी कहते हो। सच्ची मर्दानगी स्त्रियों के साथ सहज रहने में है ,लेकिन ये बात तुम्हारे पल्ले नहीं पड़ेगी।
मेरी देशभक्ति इंद्रधनुष के रंगों की तरह सतरंगी है जबकि तुम्हारा राष्ट्रप्रेम सिर्फ सफेद और स्याह में ही चीजों को देखता है। तुम्हारा राष्ट्रप्रेम हर चीज को केसरिया रंग में पुताई करना चाहता है जबकि मेरा देश प्रेम गेंदें के फूलों,जलेबी और दुनियावी चीजों को नकार चुके योगियों में छिटके केसरिया रंग को देख खुश हो जाता है। तुम्हारे सारे योगी सत्ता लोलुप और सत्ता की राजनीति करते हैं।
मेरा देशप्रेम शांत अवस्था में रहता है तुम्हारे राष्ट्रप्रेम को उच्च रक्तचाप हुआ रहता है।
मेरा देशप्रेम सौ प्रतिशत है तुम्हारा सिर्फ जीरो के बारे में है। मेरी देशभक्ति शांति को प्रेरित करती है तुम्हारा युद्धोन्माद की ओर।
मेरी देशभक्ति हर उस व्यक्ति की इज्जत करती है जो स्वंय से पहले देश को रखता है।
तुम्हारा राष्ट्रप्रेम मेरा मजाक उड़ाता है कि मैं कैसे शांति की बात सोच सकती हूं और कैसे अपने देश के सैनिकों के ख्याल रखने पर बात कर सकती हूं।
आपके हिसाब से- मुझे कैसे पाकिस्तानी कलाकार फहद खान का करण जौहर की फिल्म में काम करना सही लग सकता है। तुम्हारा राष्ट्रप्रेम अतार्किक है।
तुम्हारी राष्ट्रभक्ति मुझे भारत छोड़ने को धमकाती है मेरा देशभक्ति तुम्हे बताना चाहती है कि मैं कहीं नहीं जा रही हूं। तुम्हारी राष्ट्रभक्ति देश के नक्शे तक सीमित है मेरा देशप्रेम उस नक्शे के भीतर रह रहे लोग हैं।
मेरा देशप्रेम हमेशा से पांच रूपया बारह आना का महत्व समझता रहा है जबकि तुम्हारा कैशलेस है जिसको खास लगाव पेटीएम से है।
मेरे देशप्रेम हर जीव-जन्तु शामिल है तुम्हारा तो जानवरों के नाम से भड़क जाता है वैसे तुम्हारे राष्ट्रप्रेम में सिर्फ पक्की देशी गाय शामिल है माफी चाहती हूं जरसी गाय।
मेरी देशभक्ति जंकफूड पर राय प्रकट करती है वैसे भी किसको परवाह कि लोग क्या खाते है तुम्हारा राष्ट्रवाद लोगों के फ्रिज में क्या रखा उस पर हत्यारी हो जाती है।
मेरा देशभक्ति मेरी यौनिकता से के साथ सहज है तुम्हारी असहज। हमेशा दूसरों के बेडरूम में ताक-झांक करती है।
तुम्हारा राष्ट्रवाद लूट-मार करता है अलबत्ता वो पारिवारिक मूल्यों पर लगातार भाषणबाजी करता है।
मेरा देशप्रेम समान-विचारों वाले मित्रों,चितंनशील बुर्जुगों के साथ ज्यादा बेहतर तरीके से अभिव्यक्त होता है। तुम्हारा राष्ट्रवाद उद्धत,शोरशराबे से भरा हुआ जो कहीं भी प्रवचन देने को तैयार रहता है मैं मानती हूं कि आप भाषणबाजी की कला में निपुण हैं।
मेरा देशप्रेम ये नहीं समझ पाता कि लोगों का आंकलन उनके कपड़ों या फिर उन्होंने किससे शादी की है इससे क्यों तय हो। तुम्हारे राष्ट्रवाद के नियत नियम है जहां पर जीन्स पहनना और अन्तरजातीय,अन्तरधार्मिक विवाह करना राष्ट्रद्रोह है।
मेरे देशप्रेम में खुद के ऊपर भी हंसने की क्षमता है। हमारे मृत भूतपूर्व राजनेताओं का मजाक उड़ाने के अलावा तुम्हारे राष्ट्रवाद में हंसी-मजाक का कोई स्थान नहीं है। आपको हमेशा आक्रामक रहने और हमेशा गुस्से में रहने की महारत है।
तुम्हारे राष्ट्रप्रेम के अनुसार विश्वविद्यालयों को सिर्फ भौतिकी,रसायन,वनस्पति विज्ञान आदि की डिग्री बांटने का काम करना चाहिए। मेरा देशप्रेम सोचता है कि विश्वविद्यालय सीखने के मंदिर है वो सबसे सुरक्षित जगह हैं, जहां आप किसी भी चीज पर सवाल खड़े कर सकते हैं।
मेरा देशप्रेम नवयुवकों की निर्बाध आवाज सुनकर चकित रह जाता है तुम्हारा राष्ट्रप्रेम उसे विद्रोह समझता है। कैसे मजाल हुई इनकी बोलने की, ये विश्वासघात है! कहके तुम चित्कार कर उठते हो।
मेरा देशप्रेम अभी भी प्रश्नों के उत्तर तलाश रहा है तुम्हारा राष्ट्रवाद सारे उत्तर होने का दावा करता है। मेरे देशप्रेम को एक बार में, एक लेख में, किसी निष्कर्ष तक पहुंचने में समय लग सकता है लेकिन तुम तो ट्विटर पोल पर- या तो हां कहो या पाकिस्तान जाओ करके निष्कर्ष तक पहुंच जाते हो।
मेरा देशप्रेम हमारे अनूठे, समृद्ध इतिहास को सलाम करता है तुम्हारा राष्ट्रवाद उसको फिर से लिखना चाहता है।
मेरा देशप्रेम दो वर्ष पूर्व दिये गये बराक ओबामा के उस भाषण के साथ खुद का खड़ा पाता है जिसमें वो कहते हैं कि अमरीका चंद खास तस्वीरों और रंगे हुए इतिहास का नाम नहीं है जिसमें कुछ लोग खुद को दूसरों से ज्यादा अमरीकी होने का दावा करते है। हम अतीत का आदर करते हैं लेकिन वो अतीत पा लेने के लिए तड़पते नहीं है। हम भविष्य से डरते नहीं है हम उसे अपनी मुठ्ठी में रखते हैं। अमरीका कोई छुईमुई नहीं है। हम वाल्ट विह्टमैन के शब्दों में एक विशाल बहुरंगी देश के लोग हैं।हम नांचते-गाते,विविधताओं से सराबोर और हमेशा नौजवानी के उत्साह से लबरेज राष्ट्र के लोग हैं।
मेरा देशप्रेम रविन्द्रनाथ टैगोर के साथ खड़ा है जो कहता है मैं कभी भी राष्ट्रवाद को मानवता के ऊपर विजयी नहीं होने दे सकता।
तुम्हारा राष्ट्रवाद सोचता है कि मानवतावाद कोई पुराना पड़ गया सिक्का है जो अब चलन से बाहर है। तुम्हारा राष्ट्रवाद तकरीरों को पसंद नहीं करता वो सिर्फ वंदे,वंदे,वंदे.. या महान अमरीका को मंत्र की तरह जपता है।
मेरे देशप्रेम को आत्मालोचना करना आता है वो अतीत के घावों को लेकर चिंतिंत होता है। तुम्हारे राष्ट्रवाद ने प्लास्टिक सर्जरी ईजाद कर ली है उसे लगता है कि घाव बड़े आसानी से भर जाते हैं।
मेरा देशप्रेम मोदी या जिन्ना नहीं है वो हर एक भारतीय है। मेरा देशप्रेम लोगों के भीतर समाहित होने में यकीन करता है तुम्हारा राष्ट्रवाद सिर्फ खुद को केन्द्र में रखता है।
फिलहाल, ऐसा लगता है कि तुम्हारा राष्ट्रवाद जीत रहा है।
-प्रिया रमानी (अनुवाद-सविता पाठक)
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