किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों से घेरा चंडीगढ़,कर रहे हैं बड़े आंदोलन की तैयारी

किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों से घेरा चंडीगढ़,कर रहे हैं बड़े आंदोलन की तैयारी

पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में किसानों ने पिछले 2 दिनों से सरकार द्वारा एमएसपी की अपनी मांग को पूरा न किये जाने के खिलाफ चक्का जाम कर रखा है.
मालूम हो की 2020 -21 के दौरान किसानों के ऐतिहासिक आंदोलन के बाद केंद्र सरकार को कृषि बिल से अपने पांव वापस खींचने पड़े थे. इस आंदोलन के समय

किसानों ने फसलों के एमएसपी तय करने की मांग भी रखी थी, जिसके बाद सरकार ने कहा था की उनकी मांग जल्द ही पूरी की जाएगी.
लेकिन किसान संगठनों का कहना है की आज 2 साल बीतने के बाद भी केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की इस मांग पर चुप्पी साध बैठी हुई हैं.

भारतीय किसान यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा के ऐलान के बाद प्रदेश भर से किसानों के जत्थों ने चंडीगढ़ कूच किया और शहर की सीमाओं पर ही डेरा ड़ाल दिया है.

मालूम हो की किसान संगठनों की तरफ से एमएसपी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर 26 से 28 नवंबर तक चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन की घोषणा की गई थी.

बताते चलें की पंजाब के दूर-दराज़ के इलाकों से ट्रेक्टर-ट्रालियों में सवार होकर किसान चंडीगढ़ में धरने के लिए पहुंचें हैं. शहर में घुसने की कोशिश कर रहे किसानों को रोकने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी जिसके कारण चंडीगढ़-मोहाली हाइवे के दोनों तरफ किसानों के जत्थों ने कब्ज़ा जमा लिया. वही पंचकूला में भी हरियाणा से आये किसानों ने घेराबंदी कर दी है.

rajindar singh

किसान नेता राजिंदर सिंह ने बताया की ” हमारी कर्ज माफ़ी,एमएसपी,इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल-2020 और कृषि बिल को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग से सरकार पीछे हट रही है, इसलिए हमे ये फैसला लेना पड़ा”.

उन्होंने आगे बताया की ” मौजूदा सरकार किसान और मज़दूरों के साथ खड़ी नहीं है. इनके पास जो थोड़े बहुत अधिकार हैं,उसको भी सरकार छीन कर कॉर्पोरटे घरानों को दिए जा रही हैं. केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले 9 सालों में बड़े पूंजीपतियों के 13 .86 लाख करोड़ का कर्ज माफ़ किया हैं.लेकिन इस बड़े कर्ज का मात्र 10 प्रतिशत जो पंजाब के किसानों पर कर्ज हैं,उसको माफ़ नहीं कर रही हैं ,जो उसकी मंशा को बताने के लिए काफी हैं”.

किसान संगठन आज एक मीटिंग करने वाले हैं,जिसमें वो अपने आगे की रणनीति को लेकर फैसला लेंगे. इस बार के धरने में एक बात खास यह भी दिखाई दी कि धरने में महिलाओ  की संख्या भी काफी है.

Do read also:-

https://i0.wp.com/www.workersunity.com/wp-content/uploads/2023/04/Line.jpg?resize=735%2C5&ssl=1

Subscribe to support Workers Unity – Click Here

(Workers can follow Unity’s FacebookTwitter and YouTube. Click here to subscribe to the Telegram channel. Download the app for easy and direct reading on mobile.)

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Abhinav Kumar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.