पत्रकार सुधीर चौधरी पर FIR दर्ज, जल्द हो सकती है गिरफ़्तारी
आज तक के पत्रकार सुधीर चौधरी पर कर्नाटक कि राजधानी बेंगलुरु के एक थाने में FIR दर्ज कि गई है. उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने कर्नाटक सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना के बारे में भ्रामक खबर प्रसारित की है.
दर्ज FIR में आरोप है की सुधीर चौधरी ने न्यूज़ चैनल पर एक खबर के दौरान सांप्रदायिक सद्भावना को बिगाड़ने का काम किया है. दो समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने की साजिश के विरुद्ध पुलिस ने सुधीर चौधरी पर IPC की कई धाराओं में मामला दर्ज किया है.
मालूम हो की कर्नाटक अल्पसंखयक विकास आयोग के एक अधिकारी ने चौधरी पर आरोप लगाया था की आज तक नामक एक न्यूज़ चैनल पर खबर प्रसारित करने के दौरान कार्यक्रम को होस्ट कर रहे पत्रकार सुधीर चौधरी ने कमर्शियल व्हीकल सब्सिडी स्कीम के बारे में गलत जानकारी दी. FIR के अनुसार चौधरी ने गलत खबर देते हुए ये झूठ बोला की ये सब्सिडी स्कीम का लाभ सिर्फ अल्पसंखयकों को मिल रहा है,हिन्दू समुदाय को कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
राजधानी बेंगलुरु के शेषाद्रिपुरम थाने में ये FIR दर्ज की गई है.FIR में कहा गया की चौधरी ने अपने कार्यक्रम में कहा की ‘इस तरह के स्कीमों से कर्नाटक में हिन्दुओं के साथ अन्याय किया जा रहा है’. पत्रकार सुधीर चौधरी इस मामले में पहले आरोपी है. इसके साथ ही पुलिस ने आज तक चैनल के मुख्य संपादक और इस कार्यक्रम के आयोजक को भी इस मामले में आरोपी बनाया है.
कर्नाटक के सुचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांग खरगे ने कहा की ” आज तक के एंकर जानबूझ कर सरकारी योजनाओं पर गलत सुचना फैला रहे हैं,जिसे सबसे पहले भाजपा सांसदों ने शुरू किया था और मिडिया के एक वर्ग द्वारा इसे बढ़ाया जा रहा है.यह जानबूझ कर किया गया एक दुर्भावनापूर्ण काम है.”
ख़बरों के मुताबिक आज तक द्वारा योजना से सम्बंधित खबर वाली वीडियो को हटा दिया गया है.
FIR दर्ज होने के बाद सुधीर चौधरी ने ट्विटर पर लिखा की ” कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा मेरे ऊपर FIR दर्ज करने की जानकारी मिली है. सवाल का जवाब FIR से ? वो भी गैर जमानती धाराओं में. यानि गिरफ़्तारी की पूरी तैयारी,मेरा सवाल ये था की आखिर इस योजना में हिन्दू आबादी को क्यों नहीं शामिल किया गया.इस लड़ाई के लिए मैं तैयार हूँ.अब अदालत में मिलेंगे.”
वही भाजपा संसद तेजस्वी सूर्या ने इस मामले में सुधीर चौधरी का समर्थन करते हुए कहा कि ” कर्नाटक सरकार द्वारा प्रेस की आज़ादी पर हमला किया गया है. लोकतंत्र में सवाल पूछने वाले पत्रकारों को ऐसे परेशान नहीं किया जाना चाहिए .”
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