बावल में एक यूनियन को तोड़ने की कोशिशों से हताश होकर मज़दूर ने फांसी लगाई, सुसाइड नोट पढ़ कर रो देंगे
हरियाणा बावल औद्योगिक क्षेत्र में एक फ़ैक्ट्री के मज़दूर ने अपने कमरे पर फांसी लगाकर बीते मंगलवार को आत्महत्या कर ली।
एक मज़दूर जो दस सालों से काम कर रहा था उससे अपने और साथी मज़दूरों पर किए जा रहे टॉर्चर को देखा नहीं गया और उसने यूनियन को तोड़ने की मैनेजमेंट की कोशिशों से हताश होकर फांसी के फंदे को गले से लगा लिया।
फांसी लगाने से पहले उसने दो पन्ने का एक सुसाइड नोट लिखा और उसमें फ़ैक्ट्री मैनेजर पर उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना और टॉर्चर का आरोप लगाया और मज़दूर साथियों को इंकलाब ज़िदाबाद बोला है।
इस सुसाइड नोट को पढ़कर किसी भी संवेदनशील इंसान की रूह कांप जाएगी। उसने विस्तृत तौर पर बताया है कि कंपनी में 2019 में जबसे यूनियन बनी है मैनेजमेंट उन्हें प्रताड़ित कर रहा है।
यूनियन में जो भी शामिल है उसे बहिष्कृत कर दिया गया, बाकी लोग उससे हाथ नहीं मिलाते, बात बात पर डांटा जाता है।
रेवाड़ी के ट्रेड यूनियन लीडर अनिल राव ने वर्कर्स यूनिटी को फ़ोन पर बताया, “लेकिन इस सुसाइड नोट में मज़दूर सोनी कुमार के उच्च मानवीय मूल्यों का पता चलता है जब वो अपने मां पिता, पिता समान भाई और पत्नी को याद करके उनसे क्षमा मांगते हैं।”
उन्होंने कहा, “यह सुसाइड नोट इस बात का उदाहरण है कि भारत के चमकते वन ट्रिलियन इकोनॉमी में खून पसीना झोंकने वाले मज़दूरों की फ़ैक्ट्री के अंदर क्या हालात बना दिया गया है। और मोदी सरकार जबसे चार लेबर कोड को लेकर आई है, कंपनी मालिकों का रुख किस कदर मनमाना हो गया है और क़ानून और संविधान का डर समाप्त हो गया है।”
क्या है पूरा मामला?
34 साल के मज़दूर सोनी कुमार ने नवीताशीष इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में 10 सालों से काम कर रहे थे और दो पन्ने के अपने सुसाइड नोट में उन्होंने मैनेजर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
हरियाणा के जींद ज़िले के नरवाना में राजगढ़ डोबी गांव के निवासी यूनियन के प्रधान गोविंद ने वर्कर्स यूनिटी को फ़ोन पर बताया कि रेवाड़ी के मॉडल टाउन थाने में एफ़आईआर दर्ज करा दी है।
उन्होंने कहा, “बुधवार की घटना है लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई गिरफ़्तारी या कार्यवाही नहीं की। हमें सिर्फ आश्वासन मिला है।”
एफ़आईआर के मुताबिक़, मज़दूर सोनी कुमार रेवाड़ी के शक्तिनगर इलाक़े में एक कमरा किराए पर लेकर पत्नी के साथ रहते थे। वो बावल औद्योगिक क्षेत्र में नवीताशीष इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में साल 2012 से ही क्वालिटी विभाग में नौकरी कर रहे थे। वो कंपनी में मज़दूर यूनियन के सदस्य भी थे।
उनके भाई दिलेर ने बताया कि कुछ दिन पहले फ़ोन पर बात होई तो वो बहुत परेशान लग रहे थे। पूछने पर बताया कि फ़ैक्ट्री मैनेजर त्रिभुवन अग्निहोत्री परेशान कर रहा है। बीते 14 जुलाई को सोनी घर भी आए थे और अपनी पत्नी को घर छोड़ गए थे।
तब भी उन्होंने फ़ैक्ट्री मैनेजर पर परेशान करने के आरोप लगाए थे।
सोनी कुमार ने अपने भाई को बताया कि मैनेजर यूनियन तोड़ने की साज़िश कर रहा है। इसके लिए वो यूनियन के सदस्यों को अलग अलग बुलाकर धमकाता है। इनमें से कई मज़दूरों के विभाग भी बदल दिए।
सोनी 16 जुलाई यानी मंगलवार को नरवाना से रेवाड़ी लौट गए और उसी दिन आत्महत्या कर ली।
स्थानीय मीडिया को रेवाड़ी पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।
रुला देने वाला लिखा सुसाइड नोट?
“मैं सोनी कुमार पुत्र श्री कपूर सिंह गांव राजगढ़ डोबी (जींद, तहसील रनवाना)। मैं अपने पूरे होशो हवाश में ये सुसाइड नोट लिख रहा हूं। मैं दिसम्बर 2012 से टीडीके ईपीकोस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में क्वालिटी डिपार्टमेंट में काम कर रहा था। 2019 में हमारी कंपनी में एक यूनियन बनी थी, जिसमें 58 मज़दूर थे, जिनमें 49 मज़दूर यूनियन के सदस्य थे।
सभी सदस्यों को मानसिक रूप से टॉर्चर किया जा रहा था। मेरे काम से मेरा बॉस खुश था। काम को लेकर या मिस बिहैव को लेकर कभी कोई शिकायत नहीं आई थी। परंतु अचानक बीते एक जून को कंपनी एचआर सतीश सर ने मुझे बुलाया और डिपार्टमेंट चेंज का लेटर दे दिया। मैने उनसे पूछा कि सर क्यों, उन्होंने कहा कि फ़ैक्ट्री मैनेजर त्रिभुवन अग्निहोत्री का आदेश है। ये आपको लेना ही होगा। और वो लेटर हमें दे दिया गया। ऐसे मेरे सभी साथियों को अन्य डिपार्टमेंट या लाइन देखते थे, उन्हें मानसिक टॉर्चर करते हुए अलग लाईन पर बिठा दिया गया। हमें कंपनी में अलग भावना से देखा जाता है। अगर कोई कम्पनी सदस्य हम लोगों से हाथ मिलाता है तो त्रिभुवन सर देख लेते हैं तो उसे अपने केबिन में बुलाकर क्लास लगाते हैं।इसलिए डिपार्टमेंट चेंज लेटर और कंपनी के माहौल से मानसिक रूप से परेशान हूं। इसलिए मेरे मौत का मेन कारण त्रिभुवन अग्निहोत्री हैं। उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए। मेरे जाने के बाद मेरे यूनियन के साथियों को परेशान न किया जाए जो पहले काम करते थे, उसी पर वापस भेज दिया जाए।
मेरे यूनियन के प्रधान गोविंद जी और सभी भाई से हाथ जोड़ कर माफ़ी मांग रहा हूं। जो मैं आप लोगों को औसे हालत में छोड़ कर जा रहा हूं। हो सके तो मुझे माफ़ कर देना। इंकलाब ज़िंदबाद।! सभी मन लगाकर काम करना।
प्रिम मां और पिता जी मुझे माफ़ना जिस हालत में आप लोगों को छोड़ कर जा रहा हूं। और पिता समान बड़े भाई दिलबाग मैं आपका गुनहगार हूं और हमेशा रहूंगा। आप से हाथ जोड़कर विनती है। माम और पिता जी का ख्याल रखना। और उन्हें कभी मेरी कमी महसूस मत होने देना। और मेरी पत्नी दीपा जी आप का तो मैं गुनहगार सबसे बड़ा हूं। जो आपका साथ पूरी उमर नहीं दे पाया। आप सभी खुश रहना, मुझे बुरा समझ कर भूल जाना। माई स्वीटहर्ट दीपू लव यू। आज के बाद मैं आपको करेले और भिंडी की सब्जी बनाकर नहीं खिला पाउंगा। अपना ख्याल रखना। एक लास्ट बात जो मेरी कंपनी से बनता है या मिलेगा वो सिर्फ और सिर्फ मेरे मां पिता को मिलना चाहिए, अदर किसी भी पर्सन को नहीं। ताकि मेरे मां पिता कुछ अच्छी ज़िंदगी बिता सकें।”
सोनी कुमार
ट्रेड यूनियन लीडर क्या कहते हैं?
रेवाड़ी और बहरोड़ औद्योगिक क्षेत्र में सक्रिय यूनियन लीडर अनिल राव कहते हैं, “इस कंपनी में करीब 50 मज़दूरों ने मिलकर 2019 में यूनियन बनाई। तभी से ये मैनेजमेंट के निशाने पर आ गए थे। उन्हें तरह तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। प्लांट मे प्रवेश करते ही मजदूरों से उनके फोन जमा कर लिए जा रहे हैं,ऐसे दुख भरे समय में जब मजदूर एक दूसरे से बात करना चाह रहे मैनेजमेंट की ये हरकत उनकी संवेदनहीनता को दिखाती है। ”
“बीते जून में उनका डिपार्टमेंट बदल दिया गया और यूनियन को तितर बितर करने की कोशिश की गई। इससे मज़दूर काफ़ी हताश हो गए हैं। सोनी कुमार, जो इस कंपनी में 10 सालों से काम करते थे, उन्हें इस बात का बहुत धक्का लगा। और ऐसा कदम उठा लिया।
यदि आपको आत्महत्या के विचार आ रहे हैं या आपकी जानकारी में किसी और के साथ ऐसा होता है, तो आप भारत में आसरा वेबसाइट या वैश्विक स्तर पर बीफ्रेंडर्स वर्ल्डवाइड के ज़रिए सहयोग ले सकते हैं.
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