नेतन्याहू की मनमानी के ख़िलाफ़ इसराइल में आम हड़ताल, देश भर में हो रहे हैं प्रदर्शन
बीते एक साल से गज़ा में इसराइली जनसंहार चल रहा है और अब इसराइल के लोगों के सब्र का बांध टूट गया है।
इसराइल में सोमवार को ट्रेड यूनियन संगठनों ने आम हड़ताल बुलाई है।
लेकिन रविवार को इसराइल के तेल अवीव और यरूशलम में हज़ारों लोगों ने इसराइल के अल्पमत वाले प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया और अभी भी प्रदर्शन जारी है।
ये प्रदर्शन ग़ज़ा में बंधक बनाए गए छह लोगों के शव मिलने के बाद शुरू हुए।
इस वक्त पूरे इसराइल में लोग नेतन्याहू सरकार से हमास के साथ समझौता करने की मांग कर रहे हैं।
हज़ारों लोग यरूशलम में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और नारे लगाते हुए सभी बंधकों की वापसी की मांग करने लगे।
यह भी पढ़े : –
फ़लस्तीन और इज़राइल का मज़दूर वर्ग
इसराइल में आम हड़ताल का एलान
समाचार एंजेसी रॉयटर्स के मुताबिक इसराइली ट्रेड यूनियनों ने सोमवार को आम हड़ताल बुलाई है।
बीबीसी के अनुसार, इस बीच तेल अवीव के मेयर रान हुलदाई ने नगरपालिका से आम हड़ताल में हिस्सा लेने को कहा है। मेयर ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि नगरपालिका कल होने वाली हड़ताल में हिस्सा लेगी।
बंधकों के परिवार देशव्यापी हड़ताल का आह्वान कर रहे हैं ताकि इसराइली सरकार पर हमास से बातचीत करने का दबाव बनाया जा सके और बंधकों की रिहाई का रास्ता खुले।
द हॉस्टिज एंड मिसिंग फैमलिज फोरम ने लोगों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है।
ग़ौरतलब है कि कब्ज़ाधारी इसराइली सेना ने अमेरिका और पश्चिमी देशों की शह पर गज़ा पट्टी को मटियामेट कर दिया है और अबतक 50,000 से अधिक लोगों का जनसंहार कर दिया है जिसमें अधिकांश बच्चे, महिलां और बूढ़े लोग हैं।
युद्ध विराम को लेकर बढ़ा दबाव
इसराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलांट ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू से आग्रह किया है कि वह हमास के साथ युद्धविराम समझौते पर बात करें जिससे कि गज़ा में बंधक बनाए गए लोगों को घर वापस लाया जा सके।
हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जंग शुरू होने के बाद से अब तक ग़ज़ा में 40 हज़ार 738 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रदर्शनकारी तेल अवीव, यरूशलम और अन्य कई शहरों में इसराइली झंडा अपने हाथों में लेकर निकले।
इनका कहना है कि पीएम नेतन्याहू और उनकी सरकार बंधकों की रिहाई के लिए हमास के साथ समझौता करने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं कर रही।
रविवार को भीड़ ने पुलिस बैरियर तोड़ दिए और तेल अवीव में प्रमुख हाईवे ब्लॉक कर दिए। प्रदर्शनकारियों ने टायरों में भी आग लगाई।
- मनरेगा में खटते खटते मर गई पत्नी, मरने के बाद भी नहीं मिली मज़दूरी- ग्राउंड रिपोर्ट
- मौत से लड़ते कटे टनल के वो सात घंटे, उत्तराखंड हादसे में बचे कर्मियों की आपबीती
- “हम मर जायेंगे लेकिन वेदांता को अपनी 1 इंच भी जमीन खनन के लिए नहीं देंगे” – ओडिशा बॉक्साइट खनन
- “फैक्ट्री बेच मोदी सरकार उत्तराखंड में भुतहा गावों की संख्या और बढ़ा देगी “- आईएमपीसीएल विनिवेश
- “किसान आंदोलन में किसानों के साथ खड़े होने का दावा करने वाले भगवंत मान आज क्यों हैं चुप “
- ओडिशा पुलिस द्वारा सालिया साही के आदिवासी झुग्गीवासियों पर दमन के खिलाफ प्रदर्शन पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।