हरियाणा : बेरोजगारी की मार, 46,000 ग्रेजुएट-पोस्ट ग्रेजुएट सफाईकर्मी बनने को मजबूर
हालिया जारी आंकड़ों से पता चला है कि हरियाणा में 6 अगस्त से 2 सितंबर, 2024 के बीच तक़रीबन 39,990 ग्रेजुएट और 6,112 पोस्ट ग्रेजुएट अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार द्वारा निकले गए सफाईकर्मी पदों के लिए आवेदन किया है।
हरियाणा राज्य एजेंसी के जारी आंकड़ों की माने तो 46,000 से अधिक ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट ने हरियाणा कौशल रोज़गार निगम (HKRN) के तहत संविदात्मक सफाईकर्मी पदों के लिए आवेदन किया है।
हरियाणा कौशल रोज़गार निगम ( HKRN ) एक राज्य सरकार का निकाय है जो हरियाणा के युवाओं को संविदा आधार पर नौकरी प्रदान करता है।
6 अगस्त से 2 सितंबर, 2024 तक, 39,990 ग्रेजुएट और 6,112 पोस्ट ग्रेजुएट ने HKRN में इन पदों के लिए आवेदन किया, जो लगभग ₹15,000 मासिक वेतन प्रदान करता है।
इसके अलावा एजेंसी के आंकड़ें बताते है कि 1,17,144 ऐसे व्यक्ति जिन्होंने कक्षा 12 तक की पढ़ाई की है, उन्होंने भी इस नौकरी के लिए आवेदन किया है।
HKRN के एक अधिकारी बताते हैं, ‘सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों द्वारा HKRN के माध्यम से भर्ती किए गए संविदात्मक सफाईकर्मी को लगभग ₹15,000 प्रति माह वेतन मिलेगा’।
आगे उन्होंने बताया, ” यह संभावना नहीं है कि लोगों ने गलती से इस पद के लिए आवेदन किया हो, क्योंकि नौकरी का विवरण स्पष्ट रूप से जिम्मेदारियों को रेखांकित करता है। इसमें सार्वजनिक स्थानों, सड़कों, और इमारतों से सफाई, झाड़ू लगाना, और कचरा हटाना शामिल है”।
“आवेदकों को एक स्वीकृति पत्र जमा करना होता है, जिसमें उन्हें यह पुष्टि करनी होती है कि उन्होंने नौकरी का विवरण पढ़ लिया है और सहमति व्यक्त की है कि उन्हें केवल उनके गृह जिले में ही तैनात किया जाएगा”।
‘ कोई भी काम करने को तैयार हैं’
इतनी बड़ी संख्या में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के सफाईकर्मी पद के लिए आवेदन करने का कारण साफतौर पर राज्य में बढ़ती बेरोज़गारी को दर्शाता है। कुछ लोग सरकारी नौकरी के आकर्षण से इस पद की ओर आकर्षित हुए, जबकि ज्यादातार ने इसे इसलिए चुना क्योंकि वे कोई अन्य नौकरी नहीं पा सके।
हरियाणा के सिरसा की रहने वाली 29 वर्षीय रचना देवी बताती हैं, “नौकरियां नहीं हैं। मैं घर पर बैठी हूँ, इसलिए मैंने सफाईकर्मी के रूप में आवेदन किया। मैंने नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की है और अब राजस्थान से इतिहास में अपनी मास्टर डिग्री पूरी कर रही हूँ । लेकिन चार साल से घर पर बैठी हूँ, कुछ तो करना पड़ेगा। ”
आवेदकों में शामिल चरखी दादरी जिले के निवासी मनीषा, जो एक सहायक नर्सिंग मिडवाइफ और बीएड डिग्री धारक उनके पति, 31 वर्षीय दिनेश कुमार उनके पति बताते हैं , ‘ रोजगार की भारी किल्लत है। जीने के लिए कुछ तो करना होगा इसलिए हम बेरोजगारी ऐसी है कि अब जो काम मिले करने को तैयार हैं’।
हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोज़गारी
16 अगस्त को जारी पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के आंकड़ों ने भी हरियाणा में भयंकर बेरोज़गारी की तरफ इशारा किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में 15 से 29 वर्ष की आयु के लोगों की बेरोज़गारी दर अप्रैल से जून 2024 तिमाही में 11.2% तक बढ़ गई, जबकि जनवरी से मार्च तिमाही में यह दर 9.5% थी।
( हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर से साभार )
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