मोदी सरकार ने की दिसंबर 2023 तक 81 करोड़ लोगों को 5 किलो मुफ्त राशन देने की घोषणा
मोदी सरकार ने गरीबों को 5 किलो मुफ्त राशन देने की योजना को दिसंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दिसंबर, 2023 तक अनाज दिया जाएगा। इस सब्सिडी पर दो लाख करोड़ रुपये का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।
गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत अगले साल मार्च तक गरीबों को मुफ्त राशन देने का फसल लिया है।
उन्होंने ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनयम के तहत गरीबों को राशन देने ने लगभग दो करोड़ की लगत का खर्च आएगा जिसका भुगतान केंद्र सरकार द्वारा किया जायेगा।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 2020 में कोरोना महामारी के दौरन सब से पहले तीन महीने के लिए शुरू किया गया था। जिसके बाद इसको एक साल के लिए बड़ा दिया गया था।
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पहले अन्न योजना को बंद करने के लिए सितंबर का समय चुना गया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर दिसंबर तक कर दिया गया है। यानि गरीबों को इस साल 31 दिसंबत तक ही इस योजना का लाभ मिलने वाला था।
इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक, अभी तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से केंद्र सरकार ने गरीबों को 3.90 लाख करोड़ रुपये का मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया है।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत देश के 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त में राशन दिया जाता है। इस योजना के तहत गरीब परिवार के हर व्यक्ति को 5 किलो अनाज हर महीने दिया जाता है।
यह योजना गरीबों के लिए लाई गई थी, इसलिए बीपीएल कार्ड वाले परिवारों को ही इसके तहत फायदा मिलता है। अब तक इस स्कीम के 6 चरण हो चुके हैं। पहला चरण अप्रैल- जून 2020 तक था।
यहां गौरतलब बात यह है कि एक तरफ मोदी सरकार और उसके समर्थक यह कहते नहीं थकते कि देश की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है और लोगों की कमाई भी बढ़ गयी है, वहीं 81 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली बात करते हैं।
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ऐसे में सवाल है कि यदि अर्थव्यवस्था में तेजी आई है और इनकम में इजाफ़ा हुआ है तो फिर इतने लोगों को मुफ्त अनाज क्यों बांटी जा रही है?
इसी तरह से मोदी सरकार बीते पांच सालों से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होने की बात कहती आ रही है लेकिन अब वह समय सीमा भी समाप्ति के कगार पर है। क्या किसानों की आय दुगनी हुई है ? जवाब है नहीं! किसान फिर सड़कों पर है, महंगाई और बेरोजगारी अपने चरम पर हैं।
ऐसे में वोट लेने के लिए ‘मुफ्त की रेवड़ी’ बांट रही है मोदी सरकार यह कहना गलत नहीं होगा। सरकार के तमाम वादें जुमले साबित हुए हैं।
मुफ्त राशन के इस योजना के लिए कुछ शर्तें भी रखी गयी हैं। इन शर्तों के अनुसार जिनके पास अपनी कमाई से 100 वर्ग मीटर का घर या प्लाट है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
उसी तरह अगर किसी के पास चार पहिया वाहन है और यदि किसी ग्रामीण परिवार की वार्षिक आय 2 लाख से अधिक है और शहरी परिवार की 3 लाख से अधिक है तो उन्हें भी यह लाभ नहीं मिलेगा!
वहीं इसी सरकार ने 8 लाख से अधिक वार्षिक आय वालों को आर्थिक रूप से पिछड़ा माना है और सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की मान्यता दी है!
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