किसान मोर्चा ने मनाया युवा किसान दिवस,युवा किसानों ने कहा मोदी सरकार हमें शहरों में सस्ता मज़दूर बनाना चाहती हैं
कृषि सेक्टर और किसान आन्दोलन में युवाओं की भागीदारी के सम्मान किसान मोर्चा ने आज युवा किसान दिवस मनाया।
आज संयुक्त किसान मोर्चा के सभी मंचो पर मंच संचालन युवाओं द्वारा किया गया और सभी वक्ता भी युवा ही रहे।
आज के इस कार्यक्रम ने गोदी मीडिया के उस प्रोपेगेंडा को फेल किया है जिसमें बार-बार यह कहा जा रहा था कि अब युवा संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओ के साथ नहीं है।
कार्यक्रम की शुरुआत आज सुबह शहीद हुए नवजोत सिंह की श्रद्धांजलि देते हुए हुई।
मंच पर बोलते हुए युवाओं ने कहा कि चाहे उन्हें खून-पसीना एक करना पड़े लेकिन वो इस कानून को लागू नही होने देंगे और इस आन्दोलन को सफल बनाकर रहेंगे।
इस दौरान युवाओं ने रोजगार का भी मुद्दा उठाया और पिछले कई दिनों से देश में युवाओं द्वारा रोजगार के लिए चलाए जा रहे ऑनलाइन कैंपेन का भी समर्थन किया।
देश में बढ़ रही बेरोजगारी और शिक्षा के निजीकरण का मुद्दा भी युवाओ ने इस मंच पर रखा। युवाओं ने कहा कि हमें समझ में आ गया है कि सरकार युवाओं को खेती से निकालकर शहरों में सस्ते मजदुर के रूप में तैयार करना चाहती है जिसे वे कतई स्वीकार नहीं करेंगे। युवाओं ने इस दौरान मोदी सरकार को न सिर्फ किसान विरोधी कहा बल्कि युवा विरोधी और विद्यार्थी विरोधी भी करार दिया।
आज के कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने अपने वक्तव्य में कहा कि अब ये लड़ाई किसान के सम्मान की लड़ाई है और हम अपने बुजुर्गो की पगड़ी को नीचा नही दिखाने देंगे।
उन्होंने कहा कि अब ये आंदोलन हमारे वजूद को बचाने का आंदोलन हो गया है इसलिए देश का युवक अपने पुरखों की जमीन और जमीर को बचाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर अपने बड़ो के साथ खड़ा है।
मंच से युवाओं ने संस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। युवा गीतकार रोमी घमाना ने आन्दोलनजीवी गीत लांच किया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस फ़ैसले का स्वागत करता है जिसमें मजदूर नेता नौदीप कौर को जमानत दी गई है।
अपने बयान में किसान मोर्चा ने कही कि “किसान मजदूर एकता को सार्थक करते हुए नौदीप इस आन्दोलन की ताकत रही है। नोदीप के साथ ही किसान आन्दोलन को समर्थन कर रहे शिव कुमार को भी पुलिस ने हिरासत में लिया हुआ है। हाल ही आई मेडिकल रिपोर्ट से यह सिद्ध होता है कि शिव कुमार के साथ भारी पुलिस ज्यादती की गई है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और शिवकुमार की भी बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।”
दक्षिण भारत से किसानों का जत्था आज सिंघु बॉर्डर पहुंचा। किसानों ने मंच पर बोलते हुए कहा कि “पूरे देश के किसान एक है व यह झूठ नहीं चलेगा कि कुछ सीमित जगहों में ही यह विरोध हो रहा है।”
कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल व तेलंगाना से आये इन किसानो ने MSP के महत्व पर ज़ोर दिया और तीन कृषि कानूनों को किसानों के लिए डेथ वारंट करार दिया।
किसान मोर्चा ने हरियाणा के लोगों को सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने के लिए बधाई दी कि सिरसा में मंत्री कंवर पाल गुर्जर को लोगों की भारी विरोध की वजह से कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
इससे पहले 24 फरवरी को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के बंगले का घेराव किया था।
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