तिहाड़ जेल से रिहा हुए आसिफ इकबाल तनहा, देवांगना कालिता और नताशा नरवाल
दिल्ली दंगा मामले में छात्र कार्यकर्ता देवांगना कालिता नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तनहा को आखिरकार तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है।
दिल्ली पुलिस पर सख्त टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने तीनों को जमानत दी थी। नताशा समेत तीनों एक्टिविस्ट्स तिहाड़ जेल से शाम करीब 7:30 पर बाहर आए।
नताशा नरवाल ने जेल से बाहर आने के बाद कहा, ”मैं अपने ऊपर लगे आरोपों को जानकर स्तब्ध रह गई हूं। जब मैं जेल में थी, तब मैंने अपने पिता को खो दिया था। यह कठिन समय था, लेकिन मुझे जो समर्थन मिल रहा है उससे मैं खुश हूं।”
नताशा ने आगे कहा, ”मेरे पिता नही है, इसलिए मैं पूरी तरह खुश नही हूं।” बता दें कि पिछले महीने नताशा नरवाल के पिता का कोरोना वायरस के चलते निधन हो गया था, जिसके बाद हाई कोर्ट ने उन्हें अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए अनुमति देते हुए कुछ दिनों के लिए जमानत दे दी थी। हालांकि, अवधि खत्म होने के बाद फिर से नताशा को जेल वापस जाना पड़ा था।
वहीं, जेल से बाहर आने के बाद देवांगना कालिता ने बताया कि पुलिस ने मुझसे गहन पूछताछ की, लेकिन मैंने उनसे कहा कि हम प्रदर्शनकारी हैं और हमारा दंगों से कोई लेना-देना नहीं है। कोर्ट के आदेश से खुश हूं । खुली हवा में सांस लेना बहुत अच्छा लग रहा है।
देवांगना ने आगे कहा, ”गिरफ्तार करने से पहले मुझसे पूछताछ की गई थी। हालांकि, अभी यह लड़ाई जारी रहेगी।”
उन्होंने कहा कि जमानत मिलने के बाद भी जेल से छूटने में तीन दिन लग गए, यह समझ के बाहर है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ।
वहीं, आसिफ तन्हा ने भी कहा कि अभी उनकी लड़ाई जारी रहेगी। चाहे बार-बार जेल क्यों न आना पड़े। आसिफ तन्हा ने कहा कि जब वे पहली बार जेल गए तो उनके साथ मारपीट की गई थी, जिसकी शिकायत उन्होंने कोर्ट में की थी।
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