तेलंगाना: 4 महीने से सैलरी के लिए तरस रहे हैं 2000 हेल्थकेयर वर्कर्स, रोजी-रोटी पर संकट

तेलंगाना: 4 महीने से सैलरी के लिए तरस रहे हैं 2000 हेल्थकेयर वर्कर्स, रोजी-रोटी पर संकट

कोरोना की दोनों लहरों में दिन रात काम करने के बावजूद तेलंगाना के हेल्थ वर्कर्स को सैलरी के मामले में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट और कॉन्ट्रेक्ट पर रखे गए पैरामेडिक्स स्टॉफ समेत करीब 2 हजार हेल्थकेयर वर्कर्स को पिछले करीब चार महीन से सैलरी नसीब नहीं हुई है। को

ऐसा मालूम पड़ता है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अप्रैल के महीने में उनके वार्षिक अनुबंध नवीनीकृत न होने के चलते यह परेशानी शुरू हुई है।

दरअसल 2001 से, जब ऐसे कर्मचारियों को पहली बार भर्ती किया गया था, एक वर्ष की अवधि के लिए अनुबंधों को नवीनीकृत करने की प्रथा है।

इस बारे में रविंदर मंचला (राज्य महासचिव, तेलंगाना राज्य सरकार मेडिकल लैब तकनीशियन एसोसिएशन) बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2001-09 से कई संविदा कर्मचारियों को काम पर रखा गया था जिनके अनुबंध हर साल नवीनीकृत होते हैं। इस वर्ष, हालांकि, अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया गया था। भले ही कर्मचारी अपने काम को पूरी शिद्दत से कर रहे हों। इसके चलते किसी अनुबंध के न होने के चलते उन्हें वेतन नहीं दिया गया है।

इन 2,000 कर्मचारियों में 300 लैब टेक्नीशियन, 200 फार्मासिस्ट, 1,200 मल्टी-हेल्थ असिस्टेंट, पैरामेडिक्स, पैरामेडिक्स, ऑप्थेल्मिक असिस्टेंट हैं।

सैलरी ने मिलने के चलते इन हेल्थकेयर वर्कर्स को रोजी रोटी जुगाड़ करने तक की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गुजारा बसर करने के लिए वे उधारी पर निर्भर हैं।

ये स्वास्थ्य कर्मचारी 1998 के बाद से कोई नियमित भर्ती न होने के चलते लगातार परेशानियों का सामना कर रहे हैं। सालों से यहां संविदा और आउटसोसिंग पर भर्तियां हो रही हैं। इस बाबत 2017 में एक अदालती मामला भी था जो अभी तक हल नहीं हो पाया है।

(साभार- न्यू इंडियन एक्सप्रेस)

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Amit Singh

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