अर्द्धसैनिक बल ओल्ड पेंशन स्कीम के हक़दारः दिल्ली हाईकोर्ट

अर्द्धसैनिक बल ओल्ड पेंशन स्कीम के हक़दारः दिल्ली हाईकोर्ट

जहां एक तरफ देशभर में ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं दिल्ली हाई कोर्ट का सेंट्रल ऑर्म पुलिस फोर्सेज (CAPF) के लिए लिया गया ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली के पक्ष का फैसला राहत देने वाला है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार, 12 जनवरी को केंद्र को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के सभी कर्मियों को सीसीएस पेंशन नियम 1972 के तहत पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ देने का निर्देश दिया। 8 सप्ताह के भीतर आवश्यक आदेश को जारी करने का भी आदेश दिया है।

अदालत अर्धसैनिक बलों के कुछ जवानों को इस योजना का लाभ नहीं देने वाले आदेशों को रद्द करने की मांग वाली 82 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

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इसके अलावा हाई कोर्ट ने कहा कि ये सशस्त्र बल है इसलिए यह इस योजना के हक़दार हैं। दिल्ली हाई कोर्ट का यह फैसला हजारों पूर्व सैनिकों को राहत देने वाला है।

इंडियन एक्सप्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने 11 जनवरी के अपने फैसले में केंद्र को आवश्यक आदेश जारी करने का निर्देश देते हुए कहा, “दिशानिर्देश के माध्यम से एक परमादेश तदनुसार सीएपीएफ को एक आदेश जारी करने के लिए उत्तरदाताओं को जारी किया जाता है।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 22.12.2003 से जारी नोटिफिकेशन में के मुताबिक 17.02.2020 तक के सभी कर्मियों के लिए लागू होगा।
इसका मतलब यह है कि पुरानी पेंशन योजना न केवल कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के मामले में लागू होगी, बल्कि बड़े पैमाने पर सीएपीएफ के सभी कर्मियों के मामले में भी लागू होगी। कोर्ट ने कहा कि आगामी 8 हफ्ते के भीतर आवश्यक आदेश जारी किए जायेंगे।

कोर्ट ने कहा कि इन सशस्त्र बलों में चाहे किसी जवान की आज ही भर्ती हो रही हो, चाहे कोई जवान पहले भर्ती हुआ हो या फिर आने वाले समय में किसी जवान की भर्ती होनी होगी तो इसका लाभ सभी जवान और अधिकारी पुरानी पेंशन योजना के लाभ पाएंगे।

इस योजना का लाभ उठाने वाले बलों में सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सशस्त्र सीमा बल (BSF), सीमा सुरक्षा बल (BSF) के साथ-साथ भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) जैसे पुलिस बलों को शामिल किया गया है।

ऐसा पहली बात नहीं हुआ है जब दिल्ली हाई कोर्ट ने इस तरह का फैसला सुनाया हो। इसके पहले फरवरी 2020 में इसी तरह के एक मामले में हाई कोर्ट ने CRPF कर्मियों द्वारा पेंशन अवॉर्ड के संबंध में एक नोटिस जारी किया था। ये नोटिस थल सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों की पुरानी पेंशन की मांग करने वाली याचिका को लेकर जारी किया गया था।

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इसके बाद अन्य कर्मियों ने भी हाई कोर्ट में कई अन्य याचिकाएं दायर कीं। इन याचिकाओं में कहा गया है- गृह मंत्रालय के तहत सशस्त्र बलों को पुरानी पेंशन योजना से बाहर करना भेदभावपूर्ण और समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन है, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले ने सशस्त्र बलों की पुरानी पेंशन योजना को लेकर फैसला सुनाया।

गौरतलब है कि वर्तमान में ओल्ड पेंशन स्कीम एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। जिसको लेकर हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली कर कांग्रेस ने अपना चुनावी वादा पूरा किया है। शुक्रवार, 13 जनवरी को कैबिनेट की पहली बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ओपीएस बहाली के प्रस्ताव को मंजूरी दी। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी अपने ट्विट अकाउंट पर शेयर की।

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WU Team

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