पंजाब में पीआरटीसी कर्मचारियों का श्रम कानून में बदलाव और निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन
पंजाब में पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन कर्मचारी संघ के सदस्यों ने श्रम कानूनों में बदलाव और निजीकरण के खिलाफ आरपार की लड़ाई लडऩे की हुंकार भरी है। उन्होंने सिटी बठिंडा सिटी बस स्टैंड क्षेत्र के बाहर धरना-प्रदर्शन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया।
- यूपी श्रमायुक्त का फरमान, मालिक सैलरी न दे तो न FIR होगी, न कोई कार्यवाही, न कोई कानूनी मदद
- चोर दरवाज़े से श्रम क़ानून बदलने वाली मोदी सरकार ने अब खुल कर हमले का बिगुल बजा दिया है
यूनियन के संयोजक सिमरजीत सिंह बराड़ ने कहा, ‘हम प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीतियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और अगर वे हमारी मांगों को पूरा नहीं करते तो विरोध प्रदर्शन तेज करेंगे। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ऐसे फैसले लेने में व्यस्त है जो निजीकरण को बढ़ावा देकर सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का नियंत्रण निजी कंपनियों के हवाले करना है। श्रम कानूनों में नए संशोधन श्रमिकों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेंगे। हम 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल के लिए ट्रेड यूनियनों के आह्वान का पूर्ण समर्थन करेंगे।’
यहां बता दें, पीआरटीसी पटियाला मुख्यालय से संचालित पंजाब सरकार का परिवहन निगम है। इसमें पंजाब के 25 शहर शामिल हैं, जिनमें मोगा, फिरोजपुर, बठिंडा, बुढलाडा, दिल्ली, फरीदकोट, संगरूर शामिल हैं। इस संस्थान की 16 अक्तूबर 1956
में हुई और ये पूरे उत्तर भारत में सेवाएं देता है। बताया जाता है, अभी ये निगम सात डिपो से 1142 बसें संचालित करता है।
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