लंबित मांगों को लेकर पंजाब रोडवेज यूनियन का चक्का जाम, मुख्यमंत्री पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
सरकारी पंजाब रोडवेज और पेप्सु सड़क परिवहन निगम के अनुबंधित कर्मचारी अपनी नौकरियों को नियमित करने की मांग को लेकर तीन दिन की हड़ताल पर हैं। उन्होंने यह हड़ताल सोमवार से शुरू किया है।
तीन दिवसीय हड़ताल में करीब 7500 अनुबंधित कर्मचारी शामिल होने की जानकारी सामने आई है।
सोमवार को आंदोलनरत कर्मचारियों ने पंजाब में बस स्टैंडों पर धरना दिया और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने राज्य में नियमित कर्मचारियों द्वारा संचालित कुछ बसों को छोड़कर सरकारी बसों को नहीं चलने दिया।
पंजाब रोडवेज/पनबस संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रेशम सिंह गिल इस बारे में कहते हैं, ”हम पिछले 13-14 वर्षों से अनुबंध पर काम कर रहे हैं। हमारी मांग है कि हमारी सेवाओं को नियमित किया जाए।”
गिल ने आगे बताया कि संविदा कर्मी अपने मुद्दों के समाधान के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मुलाकात की भी मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सत्ता में आने से पहले अमरिंदर सिंह ने वादा किया था कि संविदा पर काम कर रहे सभी कर्मियों को नियमित करेंगे। उन्होंने कहा कि लेकिन पिछले साढ़े चार वर्षों में कुछ नहीं हुआ।
गिल ने बताया कि अपनी मांगों के समर्थन में वे मंगलवार को पटियाला में प्रदर्शन मार्च निकालेंगे, जो मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का गृह नगर है। नौकरियों को नियमित करने के अलावा प्रदर्शनकारी सरकारी बसों की संख्या बढ़ाने और समान काम के लिए समान वेतन की भी मांग कर रहे हैं
वहीं सामने आई अन्य जानकारी के अनुसार पहले दिन पंजाब रोडवेज पनबस वर्कर यूनियन के सदस्यों ने सुबह तीन घंटे तक रोडवेज का चक्का जाम करके रोष प्रदर्शन किया।
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