तमिलनाडुः अगले बजट में 12 घंटे शिफ़्ट को लागू करने जा रही है सरकार?
बताया जा रहा है कि बजट में काम के घंटे को लेकर नई नोटिस जारी होने जा रही है.जो ख़बरें फैल रही हैं उसके अनुसार, 2024 में नई छुट्टी नीति को पेश किया जा सकता है.
इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने हाल ही में एक बयान दिया था कि “युवाओं को प्रतिदिन लगभग 12 घंटे काम करना चाहिए. यदि आप सप्ताह में 6 दिन काम करते हैं तो आपको दिन में लगभग 12 घंटे काम करना चाहिए.”
नारायण मूर्ति सरीखे उद्योगपतियों के इस तरह के बयानों ने केंद्र की भाजपा सरकार को 2024 के बजट में नई अवकाश नीति पेश करने का अवसर दे दिया है.
इससे पहले तमिलनाडु विधानसभा में विरोध के बीच 12 घंटे काम का बिल पास हो गया. इसके बाद भारी विरोध के कारण इस कानून को रोक दिया गया था.
केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानून में बदलाव कर प्रति सप्ताह काम के दिन कम करने की जानकारी सामने आई है. चूंकि श्रम कानून सार्वजनिक है इसलिए राज्य सरकारें भी इसके नियमों में अपने अनुसार बदलाव कर सकती हैं. इस कारण देश में एक सामान श्रम कानून नहीं बन पाता.
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कार्य दिवस कम करने और कार्य समय बढ़ाने का अनुरोध किया. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से 4 नियमों में सुविधाजनक कार्य शर्तें, वेतन नियम, कार्यालय संबंध और कार्य पर्यावरण नियम, स्वास्थ्य देखभाल पर्यावरण नियम में बदलाव करने का भी अनुरोध किया.
ख़बरों के मुताबिक ‘केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को 13 राज्य पहले ही स्वीकार कर चुके हैं और कुछ अन्य राज्य भी हामी भरने वाले हैं.
माना जा रहा है कि विभिन्न राज्य सरकारें इन नए बदलाव को इस वर्ष 4-दिवसीय नौकरी विनियमन तक पहुंचा सकती हैं. शेष छुट्टियों के 3 दिनों के लिए भुगतान करने के अवसर हैं.
इसका मतलब यह है कि सप्ताह की छुट्टियों के कारण अब काम के घंटे 12 घंटे हो जाएंगे. कुछ मज़दूरों ने बताया कि छुट्टी बढ़ाये जाने के कारण काम के घंटे तो बढ़ाये जाने की पूरी सम्भावना है ताकि उत्पादन पर इसका असर न पड़े.
केंद्र की मोदी सरकार के पास पूरा मौका है कि वो इन नए बदलावों कि घोषणा 2024 बजट के दौरान कर दे.
(इस ख़बर की वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सकता.जो ख़बरें फैल रही हैं उसके अनुसार, 2024 में नई छुट्टी नीति को पेश किया जा सकता है.)
Do read also:-
- उत्तरकाशी सुरंग हादसाः बचाव में लगे मज़दूरों के पैरों में चप्पल, कर रहे गम बूट के बिना काम
- उत्तराखंडः दिवाली से ही सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं 40 मज़दूर, सैकड़ों मज़दूरों ने शुरू किया प्रदर्शन
- मौत से लड़ते कटे टनल के वो सात घंटे, उत्तराखंड हादसे में बचे कर्मियों की आपबीती
- “हम मर जायेंगे लेकिन वेदांता को अपनी 1 इंच भी जमीन खनन के लिए नहीं देंगे” – ओडिशा बॉक्साइट खनन
- विश्व आदिवासी दिवस: रामराज्य के ‘ठेकेदारों’ को जल जंगल ज़मीन में दिख रही ‘सोने की लंका’
- “फैक्ट्री बेच मोदी सरकार उत्तराखंड में भुतहा गावों की संख्या और बढ़ा देगी “- आईएमपीसीएल विनिवेश
- “किसान आंदोलन में किसानों के साथ खड़े होने का दावा करने वाले भगवंत मान आज क्यों हैं चुप “
- ओडिशा पुलिस द्वारा सालिया साही के आदिवासी झुग्गीवासियों पर दमन के खिलाफ प्रदर्शन पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
Subscribe to support Workers Unity – Click Here
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)