यूपी: तीन दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 19 हजार एंबुलेंस कर्मचारी, ”सरकार के अड़ियल रवैये से हालात बिगड़े”

यूपी: तीन दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 19 हजार एंबुलेंस कर्मचारी, ”सरकार के अड़ियल रवैये से हालात बिगड़े”

उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस सेवा 108 और 102 के कर्मचारियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। इससे 108 व 102 सेवा ठप हो गई है। यह धरना प्रदर्शन लखनऊ के ईको पार्क में चल रहा है। बताया जा रहा है कि करीब 19 हजार एंबुलेंस कर्मी धरना दे रहे हैं।कर्मचारी बकाया मानदेय देने और नए कर्मचारी न रखने की मांग कर रहे हैं।

सामने आई जानकारी के मुताबिक, एंबुलेंस की 108 और 102 सेवा में पहले कर्मचारी जीवीके कंपनी के लिए काम करते थे। लेकिन अब इसका जिम्मा नई कंपनी जिगित्जा को दे दिया। नई कंपनी नए लोगों की भर्ती कर रही है. इसमें किसी भी पुराने कर्मचारी को काम नहीं दिया जा रहा है। इसी वजह से जीवीके कंपनी के कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं।

एंबुलेंस कर्मियों की तीन दिन से जारी हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं के बेपटरी होने के कारण जनता को हो रही परेशानियों पर चिंता जताते हुए वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि दमन की कार्यवाही व योगी सरकार के अड़ियल रवैया से हालात बिगड़ रहे हैं। सरकार को चाहिए कि एम्बुलेंस कर्मचारियों से तत्काल वार्ता कर उनकी जायज मांगों को हल कर हड़ताल को खत्म कराये। लेकिन योगी सरकार ऐसा करने के बजाय पदाधिकारियों को बर्खास्त करने, एस्मा के तहत कार्यवाही करने, एफआईआर दर्ज करने में लगी हुई है जिससे गतिरोध और बढ़ गया है।

दिनकर आगे बताते हैं कि 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा में नयी सेवा प्रदाता आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा की जा रही छंटनी और वेतन में कमी कर्मचारियों की तात्कालिक मांगे हैं जिन्हें हल करने का दायित्व सरकार का है। लेकिन सरकार यह नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह कोरोना की लहर के वक्त स्वास्थ्य विभाग में जो कर्मी संविदा पर रखे गए थे उन्हें लहर खत्म होने के बाद काम से निकाल दिया गया जबकि उन्हें सरकार ने संविदा के तहत लगातार सेवा में रखने का भरोसा दिया था।

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Amit Singh

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