विशाखापत्तनम स्टील प्लांट: निजीकरण के खिलाफ सभी पार्टियों से समर्थन मांगने दिल्ली पहुंची ट्रेड यूनियनें, जंतर-मंतर पर होगा धरना
स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के आंदोलन के लिए समर्थन मांगने के लिए ट्रेड यूनियन लीडर्स दिल्ली पहुंच रहे हैं।
वे स्टील प्लांट के निजीकरण को रोकने के लिए मिलकर काम करने के लिए समर्थन मांगने के लिए सभी दलों के सभी संसदीय नेताओं से मिलेंगे।
सामने आई जानकारी के अनुसार पता चला है कि आंध्र प्रदेश विधानसभा पहले ही संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर चुकी है।
इस बारे में ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी प्रधान मंत्री मोदी को पत्र लिखकर स्टील प्लांट के निजीकरण को रोकने का आग्रह किया है। केंद्र स्टील प्लांट के मामले पर अड़ा है, हम प्लांट के निजीकरण के खिलाफ 2 और 3 अगस्त को दिल्ली जंतर मंतर पर धरना देंगे।
इस बीच, केंद्र सरकार ने दोहराया है कि विशाखापत्तनम स्टील प्लांट की बिक्री के फैसले से वे पीछे नहीं हटेगी।
मंत्री भागवत किशनराव कराड का कहना है कि राज्य सरकार ने समीक्षा के लिए कहा है, लेकिन हमने अपना फैसला नहीं बदलेंगे।
मंत्री ने कहा कि विशाखापत्तनम स्टील प्लांट में केंद्र सरकार के शेयरों को वापस लेने से कंपनी में निवेश बढ़ेगा और उत्पादन और उत्पादकता में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मंत्री का यह भी कहना है, ”हम संयंत्र से संबंधित अतिरिक्त भूमि और गैर-प्रमुख संपत्तियों को निजीकरण से बाहर कर देंगे। राज्य सरकार को यह स्पष्ट कर दिया गया है।”
गौरतलब है कि बीते दिनों विशाखापत्तनम स्टील प्लांट (वीएसपी) के निजीकरण के मुद्दे पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) द्वारा एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
इस सम्मेलन में 2 और 3 अगस्त को संसद घेरने की योजना को विपक्ष की पार्टियों से समर्थन प्राप्त हुआ।
(साभार-द हंस इंडिया)
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