फैक्ट्री आग में जल मज़दूर की दर्दनाक मौत, अस्थियां प्लास्टिक थैले में भर दी गई परिवार वालों को
कर्नाटक के बेलागावी से एक दिल दहला देने वाली खबर आ रही है ,जहां फैक्ट्री में लगे आग में जल गए एक मज़दूर के शव को प्लास्टिक के थैले में भर कर उसके परिवार को सौंपा गया।
स्तब्ध करने वाली बात ये है कि जब मारे गए मज़दूर के अस्थि को फैक्ट्री प्रबंधन उसके परिवार को सौंप रही थी ,तब मौके पर हेल्थ डिपार्टमेंट और पुलिस के कई अधिकारी भी मौज़ूद थे।
ख़बर के मुताबिक बेलागावी के नावागे गांव में स्थित स्नेहम टैपिंग में 3 दिन पहले सेकंड शिफ्ट के दौरान आग लग गई।
घटना के दौरान फैक्ट्री में काम कर रहे 150 मज़दूरों में से 146 तो जैसे-तैसे निकल गए लेकिन 5 मज़दूर अंदर ही फंस गए।
21 साल का यालप्पा सन्नागौड़ा गुंडयागोल उस वक़्त लिफ्ट में काम कर रहा था। आग लगने के बाद लिफ्ट वही फंस गया ।
लिफ्ट में फसें यालप्पा की जल कर इतनी बुरी मौत होती है कि उसकी सिर्फ हड्डियां बचती है।
बाकि के 4 मज़दूर भी बुरी तरह जल गए हैं और उनका स्थानीय अस्पताल में इलाज़ चल रहा।
मज़दूरों को जलती आग में छोड़ के भाग गए फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा बीते बुधवार को जब लिफ्ट को काट कर नीचे उतारा गया, तब यालप्पा की बची-खुची हड्डियां वहां मिली। DNA जांच के बाद पता चला शव यालप्पा का है।
तीन महीने पहले ही फैक्ट्री में काम पर लगे यालप्पा के कमाई से घर का खर्च चल रहा था।
यालप्पा की मौत के बाद उनके मां- बाप का रो-रो कर बुरा हाल है। उनके एक रिश्तेदार ने बताया ” आग लगने के बाद उसके साथियों ने हमें बताया की यालप्पा अंदर ही फंस गया है। 2 दिन हमने उसे बहुत ढूंढा लेकिन वो नही मिला। बाद में लिफ्ट में एक बुरी तरह जला हुआ शव मिला। किसे पता था 12 हज़ार की नौकरी के बदले इतनी बुरी मौत उसे मिलेगी”।
रोते-बिलखते परिवार वालों को यालप्पा का बचा-खुचा हिस्सा एक प्लास्टिक के थैले में भर कर सौंपा गया, जबकि मौके पर एक एम्बुलेंस मौजूद था।
घटनास्थल पर मौजूद एक भी अधिकारी को ये नही लगा कि मज़दूर के शव को उसके घर तक कम से कम एम्बुलेंस से पहुचाएं जाने की मदद करनी चाहिए।
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