गुजरात में 71 दिनों में 1.23 लाख लोग मरे, भाजपा सरकार का दावा सिर्फ 4200
गुजरात में कोरोना से होने वाली मौतों पर सरकारी आंकड़ों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं और बीजेपी सरकार पर राजनीतिक दलों ने निशाना साधना शुरू कर दिया है।
दिव्या भास्कर ने एक रिपोर्ट में कहा कि एक मार्च से 10 मई 2021 के बीच गुजरात सरकार ने कुल 1,23,871 सर्टिफिकेट जारी किए थे।
यह संख्या वर्ष 2020 की समान अवधि की लगभग दोगुनी है। साफ है कि इतनी मौतें कोरोना से हुई होंगी। लेकिन गुजरात सरकार का कहना है कि यह संख्या 4,218 के आसपास है।
पीपुल्स लिबरेशन पार्टी ने गुजरात की रुपाणी सरकार से सवाल किया है कि अगर राज्य में सिर्फ 4,218 लोग मरे हैं तो बाकी मौतें कैसे हुई हैं और इनकी वजह क्या है?
पार्टी से जुड़े दीनबंधु मार्क्सवादी ने बयान जारी कर कहा है कि पूरे देश के साथ-साथ गुजरात भी कोरोना और प्रकृति से जूझ रहा है और चाहे केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार हो या गुजरात में रुपाणी की सरकार – गुजरात के लोग बुरी तरह मर रहे हैं और अपनी अक्षमता और द्वेष के कारण बर्बाद हो रहे हैं।
गुजरात के लोग इंजेक्शन और दवाओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं, लेकिन बीजेपी सरकार के मंत्रियों की दया से गुजरात की जनता भीषण जमाखोरी, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी के बीच कुचली जा रही है।
दूसरी ओर अस्पतालों, बेड, वेंटिलेटर, आईसीयू और ऑक्सीजन की भारी कमी है। गुजरात की जनता इस बात पर ध्यान दे रही है कि बेचने की मानसिकता वाली इस सरकार ने अपने 26 साल के मनमाने फैसलों और तानाशाही के दौरान एक भी नया अस्पताल या स्कूल नहीं बनाया है।
दीनबंधु ने कहा कि उनकी पार्टी जनता की मुक्ति के लिए एक आंदोलन है। यही वजह है कि पार्टी ने लगातार जनता के बीच अपना मोर्चा कायम रखा है।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने कोरोना के दूसरे दौर की शुरुआत से ही हेल्पलाइन शुरू कर दी थी। ऐसी विकट स्थिति में भी हमें खुशी है कि हम एक हजार से अधिक परिवारों की मदद कर पाए हैं।
इसी तरह पिछले दो दिनों से गुजरात में ताऊते नाम के भयंकर तूफान ने तबाही मचाई। पूरा दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र और अहमदाबाद प्रभावित हुआ है। लगभग हर जगह 100-130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और पांच से आठ इंच बारिश हुई।
राज्य भर में कुल 125 से अधिक सड़कें बंद हो गईं। हजारों बिजली तारे और पेड़ गिर गए हैं। 5,000 से अधिक गांव बिजली गुल होने से अंधेरे में आ गए। सैकड़ों लोग और परिवार तबाह हो गए हैं।
जहां पूरे गुजरात में तूफान ने कहर बरपा रखा है, वहीं किसानों की तैयार फसल को काफी नुकसान हुआ है। सरकार जहां सिर्फ दक्षिण गुजरात-सौराष्ट्र में नुकसान की बात कर रही है, वहीं उत्तर गुजरात का कहीं जिक्र तक नहीं है।
लेकिन उत्तरी गुजरात में भी साबरकांठा-अरावली चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण बाजरा जैसी फसल उजड़ गई है।
नुकसान को देखते हुए उत्तर गुजरात के किसानों को हुए नुकसान की तुरंत भरपाई और जो भी नुकसान हुआ है उसका मुआवज़ा दिया जाए।
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