तमिलनाडु में बंधक बने 26 मजदूर लौटे घर, कैद से भागने के दौरान 1 मजदूर की हो गई थी मौत
श्रम विभाग द्वारा तमिलनाडु से सोमवार-मंगलवार की रात को 26 मजदूरों को वापस लाया है। इसमें जशपुर जिले के 12 मजदूर हैं।
इन सभी मजदूरों को तमिलनाडु की एक रबर फैक्ट्री में बंधक बनाकर रखा गया था। फैक्ट्री मालिक ने इसके आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज भी जब्त कर लिए थे।
जिला श्रम पदाधिकारी आजाद सिंह पात्रे ने बताया कि राज्य सरकार को शिकायत मिली थी कि तमिलनाडु में सरगुजा और जशपुर जिले के 250 मजदूर तमिलनाडु में बंधक बने हुए हैं।
फैक्ट्री संचालक ने मजदूरों के तमाम दस्तावेज रख लिए हैं और उन्हें मेहनताना भी नहीं दिया जा रहा है। शिकायत करने वाले मजदूर ने अपने बंधक होने की जगह की जानकारी भी नहीं दी थी। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के निर्देश पर अधिकारियों ने लोकेशन की जानकारी के आधार पर मामले की पड़ताल कर मजदूरों की जानकारी जुटाई थी।
मामले की छानबीन करने पर पता चला कि तमिलनाडु के नक्कल जिले में संचालित एक रबर फैक्ट्री में मजदूरी करने के लिए जशपुर जिले के दुलदुला, कुनकुरी, बगीचा और कांसाबेल तहसील से 12 मजदूर और सरगुजा जिले से 14 मजदूर गए थे।
यहां तकरीबन 4 माह तक मजदूरी करने के बाद बीते माह भर से इन मजदूरों के साथ समस्या आने लगी थी।
मजदूरों की शिकायत थी कि फैक्ट्री संचालक ने उनके आवश्यक दस्तावेज रखने के साथ ही मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया था, जिससे उन्हें भोजन सही तरीके से नहीं मिल पा रहा था।
शिकायत पर श्रम विभाग ने नक्कल जिला प्रशासन से संपर्क कर मजदूरों की वापसी की व्यवस्था कराई है।
श्रम विभाग के मुताबिक ढाई सौ मजदूरों के बंधक होने की सूचना सही नहीं है। दरअसल, इस फैक्ट्री में इतनी संख्या में मजदूर कार्यरत हैं, लेकिन सभी जशपुर और सरगुजा के नहीं हैं। बहरहाल मजदूरों को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है।
तमिलनाडु की कंपनी से पैदल ही भागते समय दो मजदूरों में एक की मौत हो गई थी। उसकी लाश 25 दिन से वहां के अस्पताल में रखी हुई थी।
दूसरे मजदूर ने घर आकर इसकी जानकारी दी थी। सूचना मिलने पर प्रशासन, पुलिस की टीम परिजन सहित तमिलनाडु रवाना हो चुके थे।
लाश काफी पुरानाी होने के कारण उसका अंतिम संस्कार वही किया जाएगा। इसमें स्थानीय प्रशासन की मदद ली जाएगी। टीम बंधक बनाया जाने की शिकायत की भी जांच करेगी। सही मिलने दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
(साभार- भास्कर)
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