मानेसर में मुंजाल शोवा ने कॉनट्रैक्ट पर काम कर रहे 450 मज़दूरों को किया बाहर
By खुशबू सिंह
हरियाणा के मानेसर में स्थित मुंजाल शोवा ने बाकी कंपनियों की तरह मंदी का हवाला देते हुए, 15-20 साल से कॉनट्रैक्ट पर काम कर रहे लगभग 450 मज़दूरों को निकाल दिया है।
इन मज़दूरों को कंपनी ने लॉकडाउन के बाद से प्लांट के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया है और निकालने से पहले कंपनी ने इन्हें कोई नोटिस नहीं दिया था।
काम पर दोबारा कब रखा जाएगा कया नहीं, इस बारे में प्रबंधन ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है।
सालों से काम कर रहे मज़दूरों को कंपनी ने कोई हिसाब भी नहीं दिया है, केवल मार्च महीने का पूरा वेतन दिया है और अप्रैल की सैलरी का 80 प्रतिशत ही दिया है।
मुंजाल शोवा के यूनियन प्रेसिडेंट मनोज कुमार ने वर्कस यूनिटी को बताया कि, ’18 मई को प्लांट में काम शुरू हो गया था, लेकिन काम पर केवल परमानेंट मज़दूरों को ही रखा गया।’
- नीमराना की जापानी बेल्ट में ताबड़तोड छंटनी, मजदूरों में पनप रहा आक्रोश
- छंटनी और सैलरी काटने पर मारुति की वेंडर कंपनी बेलसोनिका के मज़दूरों में रोष
वर्करों को कंपनी में घुसने नहीं दिया
उन्होंने आगे बताया, “लॉकडाउन के बाद कॉनट्रैक्ट पर काम कर रहे मज़दूरों को कंपनी ने प्लांट के भीतर भी प्रवेश करने नहीं दिया।”
मुंजाल शोवा में 1000 के आस-पास कर्मचारी काम करते हैं, इसमें 450 से अधिक कर्मचारियों को कंपनी ने ठेके पर रखा है।
मनोज के अनुसार, “मज़दूरों को निकालने से पहले कंपनी ने एक बार भी सूचित नहीं किया। लॉकडाउन के बाद मज़दूर रोजगार की आस को लेकर जब कंपनी के गेट पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके हाथ से रोजगार चला गया है।”
मनोज कुमार ने बताया, ‘अभी तो हमारी कोशिश सिर्फ इतनी है कि मज़दूरों को जल्द से जल्द रोज़गार मिल जाए, यदि कंपनी ने जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया तो, हमें अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ेगा।’
लॉकडाउन के बाद से नाम चीन कंपनियां बिना किसी ख़ौफ़ के इन मज़दूरों को काम से निकाल रही हैं। इसमें एटलस, जेसीबी इंडिया, सोना कोयो स्टीयरिंग जैसी आदि कंपनिया शामिल हैं
- दो वक्त के निवाले को जूझ रहे होटल मजदूर, बरेली में दो महीने की तनख्वाह बगैर 5000 से ज्यादा की नौकरी खत्म
- ढेर हुए ‘मेक इन इंडिया के शेर’, स्टार्टअप कंपनियों ने 15 हजार को नौकरी से निकाला
मुंजाल शोवा देश की जानी मानी दुपहिया कंपनी “हीरो”ग्रुप की है, इस की शुरूवात योगेश चंदेर मुजांल ने 1985 में की थी।
5 मई को, इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, निजी क्षेत्र के एक प्रमुख थिंक टैंक का कहना है कि लॉकडाउन के चलते भारत में अप्रैल में 12 करोड़ 20 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं।
लॉकडाउन के कारण 130 करोड़ आबादी वाले देश में कई उद्दम बंद हो गए हैं।
जिसके चलते 3 मई को समाप्त हुए सप्ताह में देश में बेरोजगारी दर 27.1% पर पहुंच गई। इस बात का खुलासा सेंटर फॉर मॉनिटारिंग इंडियन इकोनॉमी के सर्वो में हुआ है।
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)