2014 से 2017 के बीच फैक्ट्री दुर्घटना में 6,300 मज़दूरों ने गंवाई जान
भारत में आए दिन फैक्ट्री हादसे होते रहते हैं। जिसमें कई मज़दूर अपनी जान गंवा बैठते हैं।
द् हिंन्दू में छपी खबर के अनुसार, मई 2020 तक देश में 30 फैक्ट्री दुर्घटनाएं हुई हैं। जिसमें 75 से अधिक मज़दूरों ने अपनी जान गंवाई है।
वहीं एक आंकड़े से पता चलता है कि 2014 से 2017 के बीच पूरे भारत में 8,004 फैक्ट्री दुर्घटनाएं घटित हुई हैं, जिसमें 6,300 मज़दूरों ने अपनी जान गंवाई।
अधिकतर फैक्ट्री दुर्घटनाएं दिल्ली, महाराष्ट्र व राजस्थान में हुई हैं।
इस टेबल की मदद से समझिए 2014 से 2017 के बीच दुर्घटनाओं के कारण, दुर्घटनाएं और कितने लोगों ने गंवाई है अपनी जान
- भिलाई प्लांटः बिना गैस पाइप लाइन बंद किए हो रही थी मरम्मत, वेल्डिंग से लगी आग में 9 वर्करों की मौत
- ग़ाज़ियाबाद की अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फ़ोट, आग में 8 मज़दूरों की दर्दनाक मौत
कारण | दुर्घटनाएं | मौतें |
मशीन चलाते समय | 4,222 | 2,759 |
समान्य फैक्ट्री दुर्घटना | 1,363 | 1,017 |
पटाखा फैक्ट्री | 882 | 956 |
आग लग जाना | 83 | 84 |
ब्लास्ट होना | 167 | 274 |
खनन आपदा | 549 | 542 |
अन्य प्रकार के फैक्ट्री में आग | 741 | 736 |
7 मई2020 को नेवेली पॉवर प्लांट के बॉयलर में भीषण धमाका हुआ था जिसमें पांच मज़दूर मारे गए थे। ये हादसा 84 मीटर ऊंचाई वाले बॉयलर में हुआ था।
तमिलनाडु के नेवेली में स्थित नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन (एनएलसी) में जोरदार तरह से बॉयलर फट गया था। जिसके कारण 6 मज़दूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 17 लोग घायल बताए जा रहे थे। पर बाद में मौतों का आकड़ा बढ़ कर 12 हो गया था।
श्रम और रोजगार मंत्रालाय के आँकड़ो के अनुसार, पूरे भारत में 2014-2016 के बीच 3,562 मज़दूरों की मौत फैक्ट्री दुर्घटनाओं में हुई हैं और 51 हजार से अधिक मज़दूर घायल हुए हैं।
यानी भारत में हर दिन तीन मज़दूरों की मौत फैक्ट्री दुर्घटनाओं में होती है और 47 लोग घायल होते हैं।
ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल के 2017 के आँकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल 48,000 हजार मज़दूरों की मौत फैक्ट्री दुर्घटनाओं में होती है।
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