औरैया के बाद मध्य प्रदेश में दो हादसों में उत्तरप्रदेश के 6 मजदूरों की मौत, 31 घायल
सरकार का आत्मनिर्भरता का पाठ और मजदूरों के लिए सभी बंदोबस्त करने का दावा। सुप्रीम कोर्ट का आंखें मूंद लेना। दूसरी ओर मजबूरी में पलायन कर रहे मजदूरों की मौत का सिलसिला। शनिवार का दिन तो जैसे मजदूरों के ऊपर मौत का झपट्टा मारने जैसा रहा। औरैया में भीषण हादसे में दो दर्जन से ज्यादा की मौत के कुछ समय बाद ही मध्य प्रदेश की सडक़ें भी मजदूरों के खून से लाल हो गई।
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में शनिवार सुबह ट्रक पलटने से 6 मजदूरों की मौत हो गई। मृतकों में चार महिलाएं और दो पुरुष हैं। इसके अलावा 18 लोग घायल हुए, जिन्हें बंडा के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में भर्ती करवाया गया है।
बताया जा रहा है कि ट्रक में पाइप भरे हुए थे, उनके ऊपर घर जाने वाले प्रवासी मजदूर बैठे थे। ये लोग मुंबई के नाला सुपारा इलाके से रवाना होकर उत्तर प्रदेश स्थित अपने गांव जा रहे थे। मजदूर ग्राम हथपारा थाना तिलवापुर उत्तर प्रदेश के थे जो मदनपुर मुंबई में जूता फैक्ट्री में काम करते थे सभी सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश जा रहे थे।
ट्रक में तीन परिवारों के लोग थे। घायलों में से एक महिला सहरून्निशा ने बताया कि ट्रक में उसकी चार बेटियां, दो बेटे, देवर-देवरानी और उनके दो बच्चे सवार थे। एक दूसरे परिवार के महिला-पुरुष और दो बच्चे, जबकि तीसरे परिवार के तीन लोग थे।
छतरपुर में ही दूसरे हादसे में 13 घायल
छतरपुर में एक दूसरे हादसे में उत्तर प्रदेश के ही 13 मजदूर घायल हो गए। शाहगढ़ हाइवे पर पठान वाली घाटी के पास एक पिकअप पलट गई। पिकअप में 20 मजदूर सवार थे, सभी उत्तरप्रदेश जा रहे थे।
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