भरूच फ़ैक्ट्री विस्फ़ोट की सामने आईं दिल दहलाने वाली तस्वीरें, 7 मज़दूरों की मौत, 26 झुलसे
एग्रो केमिकल बनाने वाली देश की बड़ी कंपनी यूपीएल लिमिटेड के गुजरात के भरूच ज़िले में स्थित झगड़िया संयंत्र में भयंकर विस्फ़ोट से 7 से अधिक मज़दूरों की मौत हो गई जबकि 26 से अधिक मज़दूर बुरी तरह झुलस गए हैं।
घटना 22 फरवरी की देर रात को हुई। कंपनी ने अपने बयान में बताया कि रात 1:30 के करीब यूपीएल प्लांट-5 में आग लगने से यह दुर्घटना घटी है। यह प्लांट पिछले 5 फरवरी से वार्षिक जांच-पड़ताल के लिए बंद था।
विस्फ़ोट से पूरा प्लांट खंडहर बन गया। घायल और मृत मज़दूरों की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वो दिल दहला देने वाली हैं।
तस्वीरों में दिख रहा है कि एक मज़दूर का बाएं हाथ की कुहनी के आस पास का मांस उड़ चुका है। एक अन्य मज़दूर के गर्दन में कोई नुकीली चीज़ आर पार हो गई है। एक मज़दूर का हाथ पूरी तरह उड़ गया है। ऐसा लगता है कि इसमें काम करने वाले मज़दूरों में अधिकांश प्रवासी मज़दूर थे।
झुलसे और घायल होने वाले अधिकांश मज़दूर किसी न किसी गंभीर अपंगता के शिकार हो गए हैं। हालांकि कंपनी ने कहा है कि पांच फ़रवरी से ही प्लांट तो मेंटेनेंस के लिए बंद कर दिया गया था लेकिन अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि उसके बावजूद मज़दूर कैसे मौजूद थे वहां।
बीते साल भर में गुजरात के औद्योगिक इलाक़ों में कई औद्योगिक दुर्घटनाएं हुई हैं लेकिन समुचित जवाबदेही के बिना दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
कंपनी ने अपनी सफ़ाई में कहा है कि “इस प्लांट में किसी भी तरह की कोई रासायनिक क्रिया नहीं की जा रही थी और न ही किसी तरह की रासायनिक गैस के लीकेज की कोई खब़र है। हम अभी असल कारणों को जाचं रहे है और अभी तक यही लग रहा है कि दुर्घटना सॉल्वेंट में आग या विस्फोट के कारण हुई है।”
कंपनी ने इस बीच कहा कि वह मृतकों और प्रभावित कामगारों को मुआवजा देगी । अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि क्या कंपनी पर कोई एफ़आईआर दर्ज की गई है या नहीं।
स्थानीय पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर पीएच वसावा ने कहा, “झागड़िया जीआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र में यूनाइटेड फास्फोरस लिमिटेड के प्लांट में विस्फोट के बाद आग लग जाने की वजहों की जांच चल रही है। प्रथम दृष्टिया ऐसा लग रहा है कि बिजली के शार्टसर्किट की वजह से आग सॉल्वेंट में विस्फोट होने से लगी है।”
हालांकि स्थानीय लोगों ने कहा कि यह बॉयलर ब्लास्ट था, लेकिन पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभी जांच चल रही है और किसी नतीजे पर पहुंचना हड़बड़ी होगी।
मालूम हो कि इस फैक्टरी में दवा उद्योग में इस्तेमाल होने वाले रसायन बनाए जाते थे।
पुलिस इंस्पेक्टर वासवा ने बताया, “राहत और बचाव कार्य चल रहे है,करीब 15 दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और सुबह साढ़े छह बजे आग पर काबू पा लिया गया।”
वहीं कंपनी का कहना है कि “सरकारी जांच ऐजेंसी को जांच में पूरा सहयोग देंगे और साथ ही कंपनी भी अपनी तरफ से एक स्वंतत्र जांच करेगी क्योंकि ये प्लांट पूरी तरह से बंद था और ऐसे में आग लगना एक साजिश की तरफ भी इशारा कर रहा है।”
कंपनी ने कहा कि वह मृतकों और प्रभावित मज़दूरों के परिवार के सदस्यों के साथ पूरी तरह से खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता देगी।
राज्य के श्रम एवं रोजगार विभाग ने इकाई को बंद करने के आदेश जारी किए और कंपनी को कहा कि वह अपने सुरक्षा पहलुओं की समीक्षा करे।
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