अजय सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ को एक मज़दूर ने लिखी चिट्ठी, सीएम और पीएम ज़रूर पढ़ें
सेवा में
श्री माननीय, मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश सरकार
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं एक मज़दूर हूं। मेरे पास उत्तर प्रदेश और विहार के मज़दूर कपास हेड़ा बार्डर नियर गुड़गांव में रहते हैं। हम होली में गांव गए थे, वापस आए तो मेरे पास मात्र 2200 रुपया था वह भी खत्म हो गया। यहां के मकान मालिकों ने राशन देने से मना कर दिया, यहां तक कि काफी घरों में बच्चे बीमार हैं दवा के पैसे नहीं पेट खाए या दवा कराए या घर जाये घर, घर जाए तो कैसे जाए, हम लोग भी मजबूत नहीं हैं।
सरकार टी.वी में खाना खिलाने का दावा कर रहीं पैसा देने का वादा कर रही है। हम मज़दूर कापस हेड़ाहेड़ा में पांच लाख से ज्यादा मज़दूर रहते हैं। किसी भी मज़दूर को एक रुपया या एक किलो चावल मिला हो कोई मीडिया, कोई पता कर बताए या दिखाए, हम अपने सरकार से कोई उमीद नहीं रख रहें हैं। बस हमे अपने गांव भेज दे, नहीं तो कोरोना से बाद में मरेगें भुख से पहले मर जाएंगे,यह पत्र हम बहुत उदास हिनता से लिख रहे हैं।
सब्जी नहीं मिलती, राशन नहीं मिलता है, अगर धोखे से कमरे से निकले तो पुलिस का डर कम है यहां के लोकल लोगों का डर ज्यादा है ये लोग डंडा से गली में मारते हैं। यह पत्र दिल्ली सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, बिहार सरकार को मीडिया दिखाए यहा तक मकान मालिक ने कई घरों के मेन गेट पर ताला मार दिया है। जब सरकार दिखा रही कि हमे ईतना पैसा राशी मज़दूर को मिलेगा सरकार या मीडिया बताए, गुड़ागांव में काम करने वाले मजदूरों को क्या-क्या मिला है, दिखाए।
क्या फैक्टरी में काम करने वाले मज़दूर नहीं है। मोदी सरकार ने बिन पालन किए एक झटके में बोल दिया लॉक डाउन का सम्मान कर रहें हैं अपनों घरों में रह रहें हैं बस हम लोगों को हमारे गांव भिजवा दे नहीं तो कई घरो में मज़दूर आत्म हत्या कर मर जाएगे जो कोरोना से संक्रित हैं उसे चेक करे जे बीमार है उन्हे यहा रोके जो ठिक है उन्हे भिजवाए, नहीं तो यहा के लोग हमारे ईज्जत से खिलवाड़ करने वाले हैं। कई मजदूरों से बात किया सबका बुरा हाल है। – धन्यवाद, कापसहेड़ा, आपका एक मज़दूर
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