सरकारी कर्मचारियों पर मेहरबान केरल सरकार, भारी वेतन वृद्धि के बाद अब 311 करोड़ का बोनस

सरकारी कर्मचारियों पर मेहरबान केरल सरकार, भारी वेतन वृद्धि के बाद अब 311 करोड़ का बोनस

जहां कोरोना की लगातार दो लहरों से आम जनों का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। रोजी रोटी का जुगाड़ करने में ऐड़ी-चोटी का बल लगाना पड़ा रहा है। कुछ तो जिम्मेदारियों के बोझ तले मौत को भी गले लगा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ केरल सरकार, सरकारी कर्मचारियों पर छप्पड़ फाड़ कर पैसों की बरसात कर रही है।

अप्रैल. 2021 में भारी वेतन वृद्धि के रूप में वेतन संशोधन को लागू करने के लिए 4,850 करोड़ रुपये आवंटित करने के बाद अब केरल सरकार ने ओणम के त्योहार के लिए सरकारी कर्मचारियों के लिए 4,000 रुपये के बोनस की घोषणा की है।

वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने राज्य सरकार के 5.2 लाख कर्मचारियों को ओणम बोनस और त्यौहार अग्रिम की घोषणा की।

केरल सरकार ने इसके लिए 311 करोड़ रुपये अलग रखे हैं। राज्य के वित्त मंत्री ने एक बयान में कहा कि बोनस के लिए पात्र नहीं होने वाले कर्मचारियों को 2,750 रुपये का विशेष त्योहार भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा, कर्मचारी 15,000 रुपये के ओणम अग्रिम का लाभ उठा सकते हैं, जिसे पांच समान किश्तों में चुकाया जाना चाहिए।

बयान में कहा गया है कि सभी अंशकालिक और आकस्मिक कर्मचारी भी 5,000 रुपये का अग्रिम लाभ उठा सकते हैं। इसमें कहा गया है कि सेवा पेंशनभोगियों और जो लोग भागीदारी पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत्त हुए थे, उन्हें 1,000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा।

न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक  राज्य में पिछले सात हफ्तों में नौकरी छूटने और कर्ज के बोझ के चलते 28 आत्महत्याएं सामने आई हैं वहीं संघर्षरत निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और व्यापारियों को किसी भी तरह की सहायता प्रदान करने को लेकर किसी भी तरह का बयान सामने नहीं आया है।

राज्य योजना बोर्ड के अनुमान के अनुसार केरल का कुल कार्यबल 1.27 करोड़ है। बोर्ड के एक अध्ययन के अनुसार, पहले लॉकडाउन के दौरान, उनमें से 73 लाख बेरोजगार हो गए थे। इसका मतलब है कि करदाताओं के 260 करोड़ रुपये उन 4% कार्यबल के कल्याण के लिए खर्च किए जा रहे हैं जिन्होंने लॉकडाउन के कारण एक भी दिन का वेतन नहीं गंवाया है।

इस बारे अर्थशास्त्री और गुलाटी इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस एंड टैक्सेशन के पूर्व निदेशक जोस सेबेस्टियन कहते हैं, “यह अत्याचार है। चारों ओर जो हालात हैं उसके प्रति सरकार की यह बहुत बड़ी उदासीनता है। कितना अच्छा संदेश होता अगर सरकार इस पैसे का इस्तेमाल कम से कम उन लोगों को 500 रुपये का भुगतान करने के लिए करती जो नौकरी खो चुके हैं?”

(साभार-न्यू इंडियन  एक्सप्रेस)

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Amit Singh

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