कर्नाटक में लाॅकडाउन के चलते शहर छोड़ जाने लगे प्रवासी मज़दूर
मंगलवार रात सैकड़ों मजदूर यशवंतपुर और मैजेस्टिक रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे।
दन्यूज मिनटडाॅट वेबसाइट के मुताबिक, तुमकुरू जिले में काम करने वाले 25 साल के प्रवासी मजदूर शब्बीर मंगलवार की रात ही यशवंतपुर रेलवे स्टेशन पहुंच गए।
उन्होंने टीवी में खबर देखी थी कि कर्नाटक में अगले दो सप्ताह के लिए कड़ी पाबंदियां लागू होने जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश के झांसी के रहने वाले शब्बीर के मुताबिक, उनकी ट्रेन अगले दिन दोपहर में है लेकिन वह इसलिए एक दिन पहले ही स्टेशन पहुंच गए क्योंकि उनकी बेकरी बंद होने जा रही थी।
गुब्बी में काम करने वाले शब्बीर को उनके मालिक ने उन्हें बताया कि उनकी दुकान लाॅकडाउन के दौरान बंद रहेगी। वह उन सैकड़ों लोगों में से एक हैं, जो कर्नाटक में लाॅकडाउन के ऐलान के बंद अपने गांव लौटना चाहते हैं।
यूपी के गोरखपुर के कारपेंटर सूरज भी लौटने वालों में से हैं। वह बैंगलुरू में एक ठेकेदार के साथ काम करते हैं। फिलहाल उनका काम भी बंद हो गया है।
वह कहते हैं, ‘मैं पिछले लाॅकडाउन के दौरान यहीं रुका था। उस दौरान मुझे यहां रहने और अपने खाने का इंतजाम करने में दिक्कतें आई थीं। इसलिए मैं अपने घर जाना चाहता हूं, वहां एक फार्म पर काम करूंगा।’
लाॅकडाउन के ऐलान के बाद ही बेंगलुरू के रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूरों की भीड़ जुटने लगी थी।
मैजेस्टिक रेलवे स्टेशन शहर के केंद्र में स्थित है, यहां दिल्ली जाने वाली ट्रेन के लिए प्रवासी मजदूर भारी तादाद में मौजूद थे।
इससे पहले दिन में भी मैजेस्टिक बस अड्डे पर आसपास के राज्यों को जाने वाले प्रवासी मजदूरों की लंबी कतार देखी गई।
प्रवासी मजदूरों की संख्या ज्यादा होने की वजह से कर्नाटक राज्य परिवहन को प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य भेजने के लिए मंगलवार को 500 अतिरिक्त बसों का इंतजाम करना पड़़ा।
प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए राज्य परिवहन विभाग को कुल मिलाककर 12,000 बसें चलानी पड़ीं।
कर्नाटक में मंगलवार रात से शुरू हुआ लाॅकडाउन 12 मई तक जारी रहेगा। इस दौरान इमरजेंसी को छोड़कर दूसरे राज्यों के आवागमन पर रोक रहेगी। हालांकि हवाई उड़ाने और ट्रेंने निर्धारित समय के हिसाब से चलती रहेंगी।
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