‘अंतिम संस्कार के भी पैसे नहीं’ लिखकर मज़दूर ट्रेन के नीचे कूद कर दी जान

‘अंतिम संस्कार के भी पैसे नहीं’ लिखकर मज़दूर ट्रेन के नीचे कूद कर दी जान

लखीमपुर खीरी जिले में मैगलगंज थाना क्षेत्र के कस्बे में लॉकडाउन में बेरोजगार हुए मज़दूर ने ट्रेन के नीचे कूद कर आत्महत्या कर ली मृतक का नाम भानू प्रताप गुप्ता है।

मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उसने अपनी गरीबी और बेरोजगारी का जिक्र किया है।

यहीं नहीं सुसाइड नोट में उसने ये तक कहा कि हम इतनी गरीबी झेल रहे हैं कि मेरे मरने के बाद मेरे अंतिम संस्कार भर का भी पैसा मेरे परिवार के पास नहीं है।

भानू शाहजहांपुर में एक होटल पर काम करता था। अचानक लॉकडाउन की घोषणा के बाद से भानू लम्बे समय से घर पर ही था।

भानू की स्थिति आर्थिक रूप से काफी खराब थी। घर में एक दाना खाने को नहीं था, न ही बूढ़ी मां के इलाज के लिए पैसै दोनों मां बेटे सांस की बीमारी से जूझ रहे थे।

भानू की तीन बेटियां और एक बेटा है। घर पर बूढ़ी मां और बीमारी का बोझ था। घर की पूरी जिम्मेदारी भानू के कंधे पर थी। सर पर परिवार की जिम्मेदारियां थी। रोजगार न होने के नाते उसने मौत को गले लगाना बेहतर समझा।

मज़दूरों को अपशब्द बोलते रेलकर्मियों का वीडियो वायरल

प्रवासी मज़दूरों को लेकर सरकार का हर दावा ज़ुमला साबित हो रहा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियों वायरल हो रहा है जिसमें रेलवे के कर्मचारी मज़दूरों को खाने-पीने की चीजे फेक कर दे रहे हैं।

घटना 25 मई की है, उत्तर प्रदेश के टुंडला रेलवे स्टेशन पर मजदूरों से भरी एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन खड़ी हुई। यहां प्रवासी मजदूरों को खाने-पीने के सामान दिए जाने थे, इसकी जिम्मेदारी रेलवे कर्मचारियों को दी गई थी।

इस दौरान सीआईटी डीके दीक्षित समेत रेलवे के कर्मचारी मज़दूरों का मजाक बनाते और बिस्कुट के पैकेट फेंकते हुए दिखाई दिए। इस वीडियो में कर्मचारियों की बातचीत भी है, जहां वो लगातार अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए नजर आ रहे हैं।

इस घटना का वीडियो, अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप तक पहुंच गया। इसके बाद रेलवे ने ट्वीटर के जरिए रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही।

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Workers Unity Team