20 करोड़ रुपये और बीजेपी या आरएसएस ज्वाइन करने का ऑफर दिया एनआईए ने, न करने पर 10 साल जेल में रखने की धमकी- अखिल गोगोई
जेल में बंद आरटीआई कार्यकर्ता और नवगठित रेजर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा 20 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) या भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के लिए कहा गया।
गोगोई, जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध प्रदर्शन में उनकी भूमिका के लिए दिसंबर 2019 से जेल में बंद हैं, ने जनता के नाम एक पत्र के माध्यम से ये आरोप लगाए हैं।
रेजर दल असम जनता परिषद (AJP) के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाजरत गोगोई, शिवसागर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर 27 मार्च को पहले चरण में वोटिंग होनी है।
अपने पत्र में गोगोई ने कहा कि उन्हें एनआईए के जवानों ने जोरहाट जेल से 17 दिसंबर, 2019 को हेलीकॉप्टर में गुवाहाटी लाया । उन्हें रात में एनआईए अदालत में पेश किया गया और दिल्ली ले जाया गया जहां उन्हें एनआईए मुख्यालय में रखा गया। 18 दिसंबर की सुबह उनसे घंटों तक पूछताछ की गई।
गोगोई ने आरोप लगाया कि पूछताछ के नाम पर एनआईए के अधिकारियों ने उन्हें राजनीतिक व्याख्यान दिया। उन्हें बताया गया था कि कैसे मुसलमान देश को नष्ट कर रहे थे और सीएए कैसे राष्ट्र को बचाएंगे।
पत्र में कहा गया है कि एनआईए के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सीएए का विरोध करना मुसलमानों का समर्थन करने और बदले में राष्ट्र विरोधी होने जैसा था।
चिट्ठी में गोगोई ने आरोप लगाए हैं, “पहले मुझे हिंदुत्व के बारे में बताया गया और फिर अभद्रता की गई। मुझे बताया गया कि अगर मैं आरएसएस में शामिल हो गया, तो मुझे तुरंत जमानत मिल जाएगी। जब मैंने इस शर्मनाक प्रस्ताव से इनकार कर दिया, तो मुझे भाजपा में शामिल होने का मौका दिया गया। उन्होंने कहा कि मैं एक खाली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकता हूं और असम में भाजपा सरकार में मंत्री बन सकता हूं।’
चिट्ठी में कहा गया है, “मुझे अपनी ‘राष्ट्र-विरोधी’ गतिविधियों को छोड़ने और बड़े नदी बांधों के निर्माण के विरोध को रोकने के लिए कहा गया था। मुझे सीएए के विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने और विशेष रूप से जापानी प्रधानमंत्री की गुवाहाटी यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शनों के लिए माफी मांगने के लिए भी कहा गया। मैंने इनकार कर दिया।”
गोगोई ने कहा कि उन्हें कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) छोड़ने के लिए कहा गया। साथ ही ईसाई धर्म के लोगों के धर्म परिवर्तन का विरोध करने वाले एक गैर सरकारी संगठन को शुरू करने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि इसके लिए 20 करोड़ रुपये का वादा किया गया था।
चिट्ठी में आगे कहा गया, “जब मैंने इन सभी प्रस्तावों से इनकार कर दिया, तो मुझे असम के मुख्यमंत्री और एक प्रभावशाली मंत्री के साथ बैठक तय करने का आश्वासन दिया गया। मैंने प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया।“
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उन्हें 10 साल के लिए कारावास की धमकी सहित प्रस्तावों से इनकार करने के लिए गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि एनआईए मुख्यालय में उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘मेरे इनकार के कारण मुझ पर कई मामले चलाए गए और मैं सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाने में भी नाकाम रहा। अब ऐसा लगता है कि बाहर निकलने के सभी मौके खो दिए हैं। मेरा परिवार लगभग समाप्त हो गया है। मैं शारीरिक रूप से नष्ट हो गया हूं।
(हिन्दुस्तान की खबर से साभार)
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