अमेरिकाः कारपोरेट का क्रूर चेहरा, बवंडर में भी नहीं जाने दिया घर, अमेजॉन के 7 वर्कर समेत 15 की मौत

अमेरिकाः कारपोरेट का क्रूर चेहरा, बवंडर में भी नहीं जाने दिया घर, अमेजॉन के 7 वर्कर समेत 15 की मौत

तमाम चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करते हुए भयंकर बवंडर में भी अमेजॉन के मैनेजरों ने वर्करों को छुट्टी नहीं दी। इसके कुछ ही घंटे बाद अमेरिका के इलिनॉइस राज्य में स्थित अमेजॉन का यह वेयरहाउस ढह गया और उसमें कार्यरत 7 वर्करों की मौत हो गई।

इसी तरह केंटुकी राज्य में एक सुगंधित मोमबत्ती बनाने वाले कारखाने की इमारत ढह गई और यहां काम करने वाले 8 वर्करों मौत हो गई। बवंडर इतना तगड़ा था कि गोदाम के परखच्चे उड़ गए हैं।

कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर इस आपराधिक लापरवाही पर अमेजॉन मैनेजमेंट की पूरी दुनिया में तीखी आलोचना हो रही है।  ऐसी भी तस्वीर आ रही कि जब तूफान आ रहा था, उस समय ज़ेफ़ बेज़ोस किसी दूसरे जगह कर्मचारियों के साथ सेल्फ़ी ले रहे थे।

पीड़ितों में से एक की बहन ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की, “ऐसा कभी नहीं होता अगर वे मुनाफ़े से अधिक ज़िंदगी की परवाह करते।” कई वर्करों ने बताया कि मैनेजमेंट ने छुट्टी नहीं दी बल्कि जब तूफ़ान टकराया उस समय सुरक्षित जगह भेजने की बजाय बाथरूम में भेज दिया, जहां एक ट्रक ड्राईवर की मौत हो गई।

एक वर्कर लैरी विर्डन के ह्वाट्सऐप संदेश की स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है जिसमें वो अपने पार्टनर को लिखा है कि अमेजॉन उन्हें घर नहीं जाने दे रहा।

Larry whatsapp msg

अमेज़ॉन के प्रवक्ता केली नानटेल ने एक बयान में कहा कि कंपनी को मौतों से “गहरा दुख” है। ये घटना पिछले सप्ताह शुक्रवार की है जब अमेरिका में आए भयंकर टारनेडो (बवंडर) के कारण भारी जानमाल का नुकसान हुआ।

मरने वालों में से एक 29 साल का वर्कर क्लेटन कोप भी थे, जिन्होंने अमेजॉन के वेयरहाउस ढहने से कुछ समय पहले ही इलिनॉइस के एडवर्ड्सविले शहर में अपने परिवार से फ़ोन पर बात की थी।

एनबीसी  से जुड़े केएसडीके चैनल के अनुसार, क्लेटन की मां कार्ला ने उन्हें फ़ोन कर चेताया था कि टोरनाडो वेयरहाउस की तरफ़ ही आ रहा है लेकिन क्लेटन ने कहा कि पहले उन्हें अपने साथी वर्करों को बताना होगा।

अमेरिका से लेकर पूरी दुनिया में अमेजॉन की कार्यशैली पर तीखे सवाल किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर पूछा जा रहा है कि क्या अमेजॉन को वर्करों की ज़िंदगी की फिक्र नहीं है?

मुंबई में रहने वाले आर्थिक मामलों के जानकार और द ट्रुथ पत्रिका के संपादक मुकेश असीम ने लिखा है, “दुनिया के सबसे अमीर देश अमरीका के इलीनॉय में दुनिया के सबसे धनी पूंजीपति ज़ेफ़ बेजोस की कंपनी अमेजॉन का ये कारनामा है। शुक्रवार के तूफान के ठीक निशाने वाले उसके एक गोदाम में काम करन वाले वर्कर घर जाने की अनुमति मांग रहे थे।”
Zeff Bezos
वो लिखते हैं,  “तूफान के मद्देनजर प्रशासन सबको घरों के अंदर रहने की चेतावनी दे रहा था। पर मैनेजरों ने साफ कह दिया, जो जायेगा, नौकरी से  निकाल दिया जाएगा। 7 के मरने की पुष्टि अब तक हो चुकी है। ठीक ऐसे ही केंटुकी में एक सुगंधित मोमबत्ती बनाने वाले कारखाने में, नौकरी खोने के डर से काम छोड़ कर न जा पाये 8 के मरने की अब तक पुष्टि हुई है।”
“दोनों इमारतें तूफान में जमींदोज हो गईं। एक श्रमिक की अपनी पार्टनर के साथ चैट नीचे देखिये, पार्टनर का लव यू उसके पास पहुंच भी नहीं पाया। उधर एक और श्रमिक की मां इससे ही मन समझा रही है कि वह अपने बेटे को लव यू तो बोल पाई! ये दो बडी खबरें हैं जो मीडिया/सोशल मीडिया की वजह से व्यापक जानकारी में आई हैं। छोटी और भी होंगी ही।”
वो लिखते हैं, “हमारे देश में ऐसी ख़बरें बाहर नहीं आ पातीं। पर हमारे इस महान देश में सालाना 50,000 वर्कर ऐसे कार्यस्थल के ‘हादसों’ में मारे जाते हैं, न जाने कितने अपंग हो जिंदगी भर के लिए लाचार हो जाते हैं। कारखानों, खदानों, इमारतों, दुकानों, सीवरों, सडकों, पुलों, खेतों, बंगलों-कोठियों – हर जगह जहां मजदूर काम करते हैं। यहां तो छोटे कारखानों में मालिक बाहर से ताला जड़ चले जाते हैं, मजदूर देर रात तक काम कर वहीं सोते हैं। ढहने-आग लगने पर वहीं दब-जल जान गंवा देते हैं। छोटे कस्बों में नहीं, दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर में दमकते मॉल्स के पीछे की घनी आबादी और दमघोंटू गलियों वाली औद्योगिक बस्तियों में।”
जो लोग कहते हैं कि पूंजीपति कडी मेहनत से अमीर बनते हैं, सही कहते होंगे, क्योंकि मजदूरों के खून की आखिरी बूंद तक चूस लेने में ‘बेचारे’ पूंजीपतियों को सचमुच ही बडी सख्त मेहनत करनी पड़ती होगी।
सवाल ये उठाया जा रहा है कि जब वर्करों की शिफ़्ट नहीं रोकी गई तो क्या गोदाम में सुरक्षित जगह थी जहां वर्करों को भेजा जाता। दूसरा सवाल है कि मौसम के खतरनाक स्तर पर खराब होने की सूचना मिलने के बाद भी क्या वर्करों से काम कराना जारी रखा गया।

बीबीसी  के अनुसार, अमेजॉन की ओर से कहा गया कि घटनाएं बहुत तेजी से घटीं, जितना अनुमान नहीं था। स्थानीय समय के अनुसार 8.06 से 8.16 बजे  सायं चेतावनी आई और 8.27 मिनट पर टोरनाडो गोदाम से टकरा गया।

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Workers Unity Team

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