गुजरात में फंसे आंध्र के 4000 मछुआरों को घर पहुंचाने के लिए 50 बसें लगाई गईं

गुजरात में फंसे आंध्र के 4000 मछुआरों को घर पहुंचाने के लिए 50 बसें लगाई गईं

आंध्र प्रदेश के 780 मछुआरों को मंगलवार को गुजरात के गिर सोमनाथ ज़िले से 10 बसों में उनके घर भेजा गया।

ये सभी मछुआरे श्रीकाकुलम और आस पास के रहने वाले थे और लॉकडाउन के समय से ही नेरावल पोर्ट पर फंसे हुए थे।

स्थानीय मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार,  गिर सोमनाथ के कलेक्टर ने कहा कि बाकी मछुआरों को भी उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।

इसी महीने की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने मज़दूरों की वापसी के लिए गुजरात सरकार से भी बात की थी।

सरकार की ओर से मंजूरी मिलने और सभी की जांच के बाद क़रीब 4000 मछुआरों को 50 स्लीपर बसों में आंध्र प्रदेश भेजा जाएगा।

देश गुजरात के अनुसार, हरेक बस में दो ड्राइवर और दो मछुआरों को निगरानी की ज़िम्मेदारी दी गई है। यात्रा के दौरान इन्हें खाना, पानी, नाश्ता दिया जाएगा।

गिर सोमनाथ के कलेक्टर का कहना है कि आंध्र प्रदेश के मछुआरों हर साल वीरावल पोर्ट पर काम करने आते हैं और इस साल भी वो आये हुए थे, इसी बीच में लॉकडाउन हो गया और वो फंस गए।

उन्होंने कहा कि इस दौरान इन मछुआरों के खाने पीने और स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था सरकार ने की।

उल्लेखनीय है कि गुजरात में अन्य राज्यों से भी बहुत सारे मज़दूर नौकरी की तलाश में वहां जाते हैं और लॉकडाउन के कारण फंस कर रह गए हैं।

लेकिन सरकार की बदइंतज़ामी, खाना या राशन न मिलने और घर न जाने देने की शिकायत को लेकर कई बार सूरत और अन्य जगहों पर उनका गुस्सा भी फूटा और उन्होंने प्रदर्शन किया।

मंगलवार को एशिया की सबसे बड़ी डायमंड परियोजना बनाने वाली बोर्स में काम करने वाले क़रीब 4000 मज़दूरों ने सुविधाएं न देने को लेकर शिकायत करते हुए कार्यालय में तोड़फ़ोड़ की।

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Workers Unity Team