बेंगलुरु के 23,329 सफाई कर्मचारी कर रहे हैं नियमित करने की मांग
ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) पौरकर्मिका ट्रेड यूनियन ने सोमवार को 23,329 पौरकर्मिक को नियमित करने की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
पौरकर्मिकों ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह बीबीएमपी के साथ काम करने वाले सभी पौरकर्मिकों (सफाई कर्मचारी) को नियमित किया जाना चाहिए।
यूनियन के सदस्यों का कहना है कि 31,000 पौरकर्मिकों में से केवल 3,793 पौरकर्मिकों को ही नियमित किया है।
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बीबीएमपी पौरकर्मिका ट्रेड यूनियन के महासचिव डॉक्टर बाबू का कहना है कि, “सीएम को न केवल 3,793 पौरकर्मिकों को नियमित करना चाहिए, बल्कि बाकि बचे अन्य कर्मचारियों को भी नियमित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि शेष 23,329 पौरकर्मिक को नियमित नहीं किया गया है।
बेंगलुरु मिरर से मिली जानकारी के मुताबिक बाबू का कहना है इस संबंध में यूनियन ने पहले भी मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंप दिया है। लेकिन इस मुद्दे पर अभी तक सरकार का कोई जवाब नहीं आया है।
उन्होंने बताया कि पौरकर्मिका ट्रेड यूनियन और पौरकर्मिकों के लम्बे संघर्ष के बाद , तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 2016 में ठेका पौरकर्मिका प्रणाली को समाप्त कर दिया। 2016 के नियम के अनुसार यदि किसी मज़दूर को पौरकर्मिका का काम करते हुए एक साल पूरा हो जायेगा तो उसको तत्काल नियमित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार को पौरकर्मिकों की शिकायतों का निवारण करना चाहिए। और यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो मांगों को लेकर आंदोलन किया जायेगा।”
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गौरतलब है कि हालही में ओडिशा में तत्कालीन नविन पटनायक सरकार ने सरकारी क्षेत्रों ठेका प्रणाली को ख़त्म दिया है। लेकिन TUCI द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार उनका दावा है कि अभी ठेका प्रणाली पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुए है।
इतना ही नहीं देशभर के मज़दूर लगातरा इस बात की मांग कर रहे है कि उनको नियमित किया जाये। दिल्ली में ठेका सफाई कर्मचारियों को बीते 20 साल से नियमित नहीं किया गया है। कर्मचारियों ने नियमित होने कि मांग को लेकर हज़ारों बार प्रदर्शन किये हैं। लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
ठेका सफाई कर्मचारियों का आरोप है MCD के अधिकारी हर बार झूठा आश्वाशन देकर हमारी हड़ताल को खत्म करवा देते हैं।
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