बेलसोनिका प्रबंधन बात बात पर थमा रहा है मज़दूरों को नोटिस, छंटनी की तैयारी में मैनेजमेंट
हरियाणा के आईएमटी मानेसर में स्थित बेलसोनिका कंपनी में प्रबंधन और मजदूरों के बीच तनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
यूनियन का आरोप है कि प्रबंधन द्वारा पांच वर्करों के पंच कार्ड बंद करने और कारण बताओ नोटिस थमाने के मामले बढ़ रहे हैं।
कम्पनी में शनिवार पांच मज़दूरों का पंच कार्ड बंद कर दिया है। हांलाकि बाद में सभी मज़दूरों को नोटिस थामकर प्लांट के अंदर काम करने की अनुमति दे दी।
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शनिवार को सुबह “ए” शिफ्ट में आने वाले चार मज़दूरों और “सी” शिफ्ट में एक मज़दूर का पंच कार्ड बंद कर दिया था। सभी मज़दूर प्लांट के वैल्ड शॉप विभाग में कार्यरत हैं।
वर्कर्स यूनिटी से बातचीत में बेलसोनिका मज़दूर यूनियन के महासचिव अजित सिंह ने बताया कि प्रबंधन मज़दूरों की छंटनी करने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि बेलसोनिका यूनियन में मज़दूरों के समस्यों का एक पत्र हरियाणा मुख्य मंत्री को भेजा है जिसमे मुख्य रूप से प्रबंधन द्वारा यूनियन को दी जाने वाली हिंसक धमकियों का जिक्र किया गया है।
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उन्होंने बताया कि यूनियन ने पत्र में मुख्यमंत्री जी को प्रबंधन द्वारा की जानेवाली हर तरह की गतिविधयों से अवगत करवाया है।
पत्र में यूनियन का कहना है की विगत अक्तूबर के महीने में मृत्युन्जय नाथ साहू ने फैक्ट्री में एच.आर. वाइस प्रेसिडेंट का कार्यभार सम्भाला था। इनके कार्यभार सम्भालते ही कम्पनी प्रबंधक हर रोज नई-नई उकसावेपूर्ण कार्यवाहियां करने लगा।
मज़दूरों ने लगाया प्रबंधन पर आरोप
- कैंटीन में जानबूझ कर गंदा खाना बनवाना, यूनियन से बिना बातचीत किए कैंटीन में मजदूरों की राशि की बढ़ौतरी के बाद भी खाने में कोई सुधार नहीं किया गया है।
- भीषण गर्मी में प्लांट के अंदर एयर वाशर नहीं चलाए जाते हैं।
- मजदूर साथियों को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से बार-बार उनके कार्यस्थल बदल दिया जाता है।
मज़दूरों को गर्मी में ठण्डा पानी तक नहीं दिया जाता है। - नई भर्ती के नाम पर अराजक तत्वों को भर्ती कराकर उनके द्वारा मजदूर साथियों को गाली गलोच किया जाता है।
- मज़दूरों की छोटी सी गलती होने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस व सस्पेनशन लेटर दिया जा रह है।
इस बारे में कई एक शिकायते यूनियन द्वारा श्रम विभाग तथा शासन-प्रशासन को शिकायत पत्र तथा ज्ञापन द्वारा दी गई है।
शिकायत पत्र में लिखी गई बातें
यूनियन ने दिनांक 05.08.2021, 13.10.2021 व 12.11.2021 सामूहिक मांग पत्र श्रम विभाग में दायर किए। इन सभी मांग पत्रों में स्थाई काम पर स्थाई रोजगार, समान कार्य पर समान वेतन व ठेका मजदूरों को स्थाई करने की कानूनी मांगे है।
इन मांग पत्र के डालते ही प्रबंधन का मजदूरों व मजदूर यूनियन के प्रति रवैया अक्रामक हो गया। प्रबंधन यूनियन पर लगातार दबाव बना रहा है कि आप इन मांग पत्रो को वापिस उठा लो और आप ठेका मजदूरों की मांगे क्यों उठा रहे हो?
यूनियन द्वारा मजदूरों की कानूनी मांगे उठाना नागवार गुजर रहा है और तभी से प्रबंधक प्लांट के अन्दर भिन्न-भिन्न तरीके से उकसावेपूर्ण व भडकाऊ कार्यवाही कर अशांति का महौल पैदा कर रहा है।
प्रबंधन ने दी मारूति कांड दौहराने की दमकी
21 जुलाई 2022 को एच. आर. वाइस प्रेसिडेंट ने यूनियन प्रतिनिधियों को मीटिंग के लिए बुलाया। मीटिंग में एच.आर. वाइस प्रेसिडेंट ने फैक्ट्री में हिंसा करवाने की सीधी धमकी दी। एच.आर. वाइस प्रेसिडेंट ने इससे पूर्व भी यूनियन प्रतिनिधियों को भ्रष्ट करने का लालच दिया था।
जब वो इसमें सफल नहीं हुए तो वह हिंसा करवाने की खुली धमकी देने लगे और यूनियन को कहा कि हम मारूति जैसा कांड कर देंगे।
एच. आर. वाइस प्रेसिडेंट द्वारा दी गई हिंसा की खुली धमकी से साफ प्रतीत होता है कि एच. आर. वाइस प्रेसिडेंट मृत्युन्जय नाथ साहू पौक्ट्री में हिंसक महौल बनाने का हर रोज पडयंत्र रच रहे है, उक्साउपूर्ण कार्यवाहियां कर रहे है ताकि ऐसी कोई हिंसक कार्यवाही हो और उसका ठीकरा मजदूरों व मजदूर यूनियन पर फोड कर यूनियन से मुक्ति पाई जा सके तथा मनमाने तरीके से स्थाई / परमानेंट व पुराने अस्थाई मजदूरों की छंटनी की जा सके।
नीम ट्रेनी, डी.ई.टी., अप्रेन्टिस आदि फोकट के मजदूरों की बड़े पैमाने पर भर्ती कर उनसे मशीनों पर उत्पादन कार्य कराया जा सके।
प्रबंधको ने फैक्ट्री में भर्ती के नाम पर कुछ अराजक तत्वों को भर्ती कर लिया है। ये अराजक तत्व फैक्ट्री में बिना किसी रोक-टोक के शॉप फलॉर में घूमते है तथा मजदूरों के साथ भिड़ने की कौशिश करते है।
अधिकारी कर रहे हैं अपशब्दों का प्रयोग
16 जुलाई 2022 को 3-4 इस प्रकार के अराजक तत्वों ने एक परमानेंट मजदूर के साथ गाली गलोच किया व उसे मारने-पीटने की धमकी देने लगे।
फैक्ट्री के अधिकारी उन अराजक तत्वों को इस प्रकार के कार्य पर शाबासी दे रहे है। अब तो फैक्ट्री में मैनेजर भी मजदूरों को गाली गलोच करने लगे।
मैंन्टेनेंस के यूटिलिटि विभाग के मैनेजर राहुल कुमार व मैन्टेनेंस विभाग के हितेश अंतरी का व्यवहार मजदूरों के साथ तू-तड़ाक तथा बतमीजी के साथ बात करने का है।
उसी प्रकार वेल्ड विभाग के विवेक त्यागी व प्रेश विभाग के संजीव कुमार का व्यवहार तो सीधा मजदूरों के साथ गाली गलोच करने का बना हुआ है।
21 जुलाई 2022 को “बी” शिपट / पाली में प्रेश विभाग की 300 टन लाइन पर मैनेजर संजीव कुमार ने कार्य को लेकर एक मजदूर को गाली देकर बात की।
तभी उस मजदूर ने संजीव कुमार की गाली वाली बात की सूचना प्लांट हैड अनिल वशिष्ठ को दी। उसके थोड़ी देर बाद मैनेजर संजीव कुमार दीवारा उस लाइन पर आया और उस मजदूर को कहने लगा कि तुमने मेरी शिकायत करके मेरा क्या बिगाड़ लिया और दौबारा उस मजदूर को धमकाने लगा। ये सभी महाशय स्थाई / परमानेंट व पुराने अस्थाई मजदूरों को आरोपित करते रहते है।
ऐसा नहीं है कि ये सभी अधिकारी अपनी मनमर्जी से ऐसी उकसावेपूर्ण व भड़काऊ कार्यवाही करते है बल्कि ये ऐसा एच. आर. वाइस प्रेसिडेंट भी मृत्युन्जय नाथ साहू व पीक्ट्री के कानूनी कन्सलटेंट महावीर मलिक के संरक्षण में ऐसा करते हैं।
बुनियादी सुविधाओं में की कटौती
प्रबंधको द्वारा मजदूरों की बुनियादी (हवा, पानी, खाना आदि) सुविधाओं में कटाती व रोक लगाकर प्रबंधक मजदूरों में रोष पैदा कर रहा है और दूसरी ओर यूनियन को बैठा कर मारुति जैसा काण्ड करने की धमकी देता है।
यूनियन का यह स्पष्ट मत है कि ट्रेड यूनियन गतिविधियां करना हम मजदूरों का संवैधानिक अधिकार है ।
अंत में अजीत ने बताया कि जब यूनियन ने इन सभी समस्याओं की जानकारी कम्पनी के मैनेजिंग डायरैक्टर को दी तो उनका जवाब था कि मृत्युन्जय नाथ साहू जो भी कर रहा है उसको ऐसा करने के लिए कम्पनी ने ही बोला है। इन सभी बातों से ये लगता है की प्रबंधन मज़दूरों के प्रति तानाशाही रवैया अपना रहा है।
प्रबंधन में अपने कारण बताओ नोटिस में लिखा है कि “आप द्वारा किया गया कृत्य संस्था में लागू प्रमाणित स्थायी आदेश के अंतगर्त गंभीर दुराचरण की श्रेणी में आता है तथा यूनियन के साथ हुए समझौते दिनांक 24-11-2020 के क्रमांक संख्या 43 (उत्पादकता) के पॉइंट नंबर ख, ग, च और क्रमांक संख्या 44 (अनुशासन) की उलंघना आप द्वारा की गयी है।
अतः 18-07-2022 से 23-07-2022 तक आपको वेतन देय नहीं होगा जोकि काम नहीं वेतन नहीं के प्रावधान के अनुरूप होगा, इसके आगे भी आपके द्वारा उक्त प्रकार का दुराचरण किया जाएगा तो वेतन कटौती के साथ साथ उचित अनुशासनात्मक कार्यवाही भी अमल में लायी जायेगी।”
वही प्रबंधन ने नोटिस बोर्ड पर तीन पेपर की सार्वजनिक सूचना नोटिस चस्पा की हैं, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि प्लांट के अंदर जो भी हो रहा है उसके लिए यूनियन जिम्मेदार है।
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