23वें दिन जागी नीतीश सरकार, ठेका शिक्षकों की वेतन वृद्धि की घोषणा

23वें दिन जागी नीतीश सरकार, ठेका शिक्षकों की वेतन वृद्धि की घोषणा

क़रीब एक महीने से हड़ताल पर गए बिहार के सरकारी स्कूलों के ठेका शिक्षकों को आंशिक जीत मिलती दिखाई दे रही है।

बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णानंद प्रसाद वर्मा ने विधानसभा में ठेका शिक्षकों के वेतन वृद्धि को लेकर घोषणा की है। हालांकि समान वेतन से इनकार कर दिया गया है।

होली के एक दिन पहले मंत्री ने वादा किया कि राज्य सरकार अपनी हैसियत के मुताबिक ठेका शिक्षकों के वेतन बढ़ाएगी, लेकिन शिक्षक यूनियन ‘समान काम के लिए समान वेतन’ से कम मानने पर तैयार नहीं है।

बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो शिक्षक एनपीआर (नेशनल पापुलेशन रजिस्टर) में सहयोग नहीं करेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों से अपील की परीक्षा और कॉपी चेक करने के काम को ध्यान में रखते हुए अपनी हड़ताल को ख़त्म कर दें।

राज्य में सरकारी स्कूलों के क़रीब 3.5 लाख ठेका शिक्षक 17 फ़रवरी से ही अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।

bihar education teachers strike

हड़ताल के कारण राज्य के 75,000 में से 45,000 स्कूलों में पढ़ाई और मिड डे मील की योजना ठप पड़ गई है।

शिक्षकों की मांगों में समान काम के लिए समान वेतन की मांग प्रमुख है।

माना जा रहा है कि चुनावी मौसम में शिक्षकों के संघर्ष से नीतीश सरकार को झटका लगा है।

उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार समय समय पर ठेका शिक्षकों के वेतन में वृद्धि करती रही है। इसके अलावा काम के हालात में सुधार लाने का वादा किया।

इन ठेका शिक्षकों को शिक्षा मित्र कहा जाता है और उन्हें न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जाता था। 2003-2005 में उन्हें 1500 रुपये प्रति माह का भत्ता दिया जाता था। 2006 में नीतीश सरकार उन्हें 4000 रुपये और 5000 रुपये (प्रशिक्षित) के फ़िक्स वेतन पर नियुक्त किया।

समय के साथ ही उऩकी सैलरी 9000-10,000 रुपये हो गई है।

शिक्षा मंत्री ने सदन में बहस के दौरान कहा कि सरकार ने 5200-20,200 का वेतनमान लागू किया है, साथ ही डीए, एचआरए, वार्षिक वृद्धि भी मिलती है।

उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों को 2006 में 1500 रुपये मिलते हैं जबकि आज इन्हें 29,000 रुपये वेतन मिलता है।

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Workers Unity Team