दो साल से वेतन के तरस रहे बीएसएनएल के ठेका मजदूर, श्रममंत्री से गुहार भी गई बेकार
उत्तरप्रदेश के बरेली, मथुरा समेत कई शहरों में बीएसएनएल के ठेका दो साल से वेतन को तरस रहे हैं और कोई सुनने वाला नहीं है। श्रम विभाग से लेकर केंद्रीय श्रम मंत्री तक ने उनकी गुहार को तवज्जो नहीं दी।
उत्तरप्रदेश के बरेली बीएनएनएल एक्सचेंज में ठेका फर्म के मार्फत सेवाएं दे रहे विवनेश सिंह ने बताया कि ठेका मजदूरों को मार्च 2018 से अब तक वेतन नहीं मिला है और न ही ईपीएफ जमा किया गया है।
सिर्फ बरेली में ही 66 मजदूरों की श्रम विभाग में कोई सुनवाई नहीं है। श्रम विभाग में इस मामले में वाद दायर किया तो हमारे पक्ष में फैसला तो आया, लेकिन ये भी कह दिया कि फर्म वेतन देने में आनाकानी कर रही है। विभाग ने कार्रवाई कोई नहीं की ठेका फर्म पर।
हाल ही में श्रमिकों के लिए सरकार की योजनाओं के बारे में केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री संतोष गंगवार आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट किया तो विवनेश सिंह ने कमेंट में लिखा, सरकार ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई तो कर नहीं पा रही है और बातें बहुत बड़ी-बड़ी करते हैं।
‘वर्कर्स यूनिटी’ से विवनेश सिंह ने कहा कि 66 ठेका श्रमिकों को वेतन के लिए ठेका फर्म दो साल से टाल रही है। कार्रवाई न होने की वजह ये है कि फर्म के ठेकेदार का भाजपा के मंत्रियों के साथ उठना बैठना है। एक बार ये भी कहा गया कि बीएसएनएल ने पेमेंट नहीं किया इसलिए वेतन नहीं दे पा रहे हैं। हमने इस संबंध में बीएनएनएल के महाप्रबंधक से जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि फर्म को वेतन भुगतान के बिल जमा करने होंगे, तभी भुगतान होता है।
विवनेश कहते हैं, हम पिछले बीस साल से भाजपा से जुड़े हैं, हमने देख लिया कि इस पार्टी की सरकार श्रमिकों के भले को कुछ नहीं करती। सबसे निकृष्ट तो हमारे सांसद हैं, जो केद्रीय श्रममंत्री भी हैं। मजदूरों के लिए अपने ही सांसद क्षेत्र में ये कुछ नहीं करते तो देश के लिए क्या करते होंगे, सोचने की बात है। कितनी बार हम लोग समस्या लेकर गए, लेकिन ठेकेदार को फोन करके तक नहीं पूछा गया। एक बार सामूहिक तौर पर गए तो मंत्री नहीं थे, हम सबको देखकर उनके कार्यालय का स्टाफ भाग गया, जैसे किसी गलत इरादे से आए हों।
वेतन भुगतान मामले में वर्कर्स यूनिटी ने ठेका लेने वाली फर्म के संचालक गजेंद्र शर्मा से भी बात की। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल तो डूब गई और हमारा लगभग तीन करोड़ का पेमेंट फंस गया है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से भी राहत दिलाने को मिले, मथुरा की सांसद हेमामालिनी के पास भी गए। उन्होंने दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास जाने को कह दिया।
दूरसंचार मंत्री ने धैर्य रखने को कहा, इतना ही आश्वासन दिया कि जल्द समस्या हल होगी। आखिर हम भी क्या करें, हमने तो अपना नोयडा का मकान, मथुरा के प्लाट बेचकर श्रमिकों का भुगतान किया है। बीएनएनएल पर केस किया है, जिससे भुगतान हो और बकाया पेमेंट कर सकें। बरेली के अलावा हमें मथुरा और दूसरे जिलों के श्रमिकों का भी भुगतान करना है।
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