वीआरएस के बाद स्टॉफ की कमी से बीएसएनएल -एमटीएनएल परेशान, रिटायर लोगों को फिर से करना चाह रहे नियुक्त
सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल इन दिनों स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। इस बीच टेलीकम्युनिकेशंस विभाग ने दूरसंचार मंत्रालय से पत्र लिखकर पूछा है कि क्या वो वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को वापस काम पर रख सकता है।
केन्द्र सरकार ने अक्टूबर 2019 में बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारियों के लिए वॉलियंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) को मंजूर किया था। इसके बाद दोनों कंपनियों के करीब 93,000 कर्मचारियों ने वीआरएस लिया था।
लेकिन अब इस वजह से दोनों कंपनियां स्टाफ की कमी से जूझ रही हैं और उन्हें ऑपरेशनल दिक्कत भी आ रही हैं।
इस चुनौती से पार पाने के लिए टेलीकम्युनिकेशंस विभाग के विभिन्न फील्ड और अटैच्ड ऑफिस ने दूरसंचार मंत्रालय को पत्र लिखा है। पत्र में पूछा है कि क्या वे उन कर्मचारियों को कंसल्टेंट के तौर पर वापस नौकरी पर रख सकते हैं जिन्होंने वीआरएस का चुनाव किया था।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस बारे में कहा कि फिलहाल दूरसंचार विभाग ने सभी फील्ड और अटैच्ड ऑफिस को बीएसएनएल और एमटीएनएल से वीआरएस ले चुके स्टाफ की कंसल्टेंट के तौर पर तब तक नियुक्ति नहीं करने के लिए कहा है जब तक कि वो इस मामले की समीक्षा करती है।
विभाग ने अपने आधिकारिक निर्देश में कहा है कि अभी इस मामले की दूरसंचार विभाग मुख्यालय समीक्षा कर रहा है और जब इस मसले पर निर्णय हो जाएगा तो दिशानिर्देश भी जारी कर दिए जाएंगे। तब तक वीआरएस-2019 के तहत नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों की कंसल्टेंट के तौर पर नियुक्ति के आवेदन पर विचार नहीं किया जाए।
गौरतलब है कि सरकार ने वीआरएस-2019 योजना 1,53,000 कर्मचारियों के लिए लेकर आई थी। इसमें बीएसएनएल के करीब 78,569 और एमटीएनएल के 14,400 कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त होने का चयन किया था।
(साभार-इंडियन एक्सप्रेस)
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