कैडबरी इंडिया ने चॉकलेट बनवाने को लॉकडाउन में जबरन 160 मजदूरों को बनाया ‘बंधक’
मुनाफाखोर संकटकाल में भी मजदूरों से कोई रियायत नहीं बरतना चाहते। कैडबरी इंडिया के मोंडेलेज मालनपुर प्लांट में तो चॉकलेट बनवाने के लिए जबरन 160 मजदूरों को बंधक बना दिया गया, जिसकी इस वक्त कोई अतिआवश्यक सेवा में गिनती भी नहीं है।
शिकायत पहुंचीं तो प्रशासन सक्रिय हुआ और उन्हें मुक्त कराया। प्रबंधन के अधिकारी सवालों के जवाब दिए वहां से भाग खड़े हुए।
मध्य प्रदेश की 100 डायल सेवा पर कुछ शिकायतें आईं, जिसमें शिकायतकर्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से देशभर में लॉकडाउन के बावजूद हमारे घर के सदस्यों को मोंडेलेज मालनपुर के प्लांट में जबरन काम पर बंदी बना रखा है।
सूचना पर मालनपुर पुलिस प्रशासन ने कंपनी परिसर पहुंचकर छापा मारा तो शिकायत सच पाई गई। उन्होंने बंधक कामगारों को मुक्त कराया।
जब पुलिस प्रशासन और मीडियाकर्मियों ने इस संबंध में प्लांट मैनेजर राजीव वाष्र्णेय, एचआर मैनेजर समीर सेठ और मैनेजर अमित भार्गव से बात करना चाही तो वे मुंह छुपाकर भाग खड़े हुए।
फैक्ट्री सिक्योरटी हेड सरफराज खान ने बताया कि इस संबंध में मुझे फैक्ट्री एचआर मैनेजर ने एसडीएम द्वारा परमीशन देना बताया था।
अगर सिक्योरिटी हेड की बात सच है तो कई सवाल बनते हैं। मजदूरों का कहना है कि जिस प्लांट में एक दिन में 2000 कर्मचारी काम करते हों, वहां के लिए एसडीएम ने कैसे अनुमति दे दी।
किसके आदेश पर प्लांट के अंदर 160 मजदूरों को बंधक बना लिया गया, जबकि चॉकलेट संकटकाल में आवश्यक उत्पाद की श्रेणी में भी नहीं आता। मजदूरों की जान से खिलवाड़ करने वालों को सरकार कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही।