मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान मजदूर वर्ग को बांटने की साजिश: ट्रेड यूनियन लीडरान
हाल ही में हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्र मानेसर के एक मंदिर में आयोजित हिंदू पंचायत में मुस्लिम दुकानदारों और विक्रेताओं के ‘आर्थिक बहिष्कार’ का ऐलान के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
गुड़गांव के डिप्टी कॉम मिशनर निशांत यादव ने बताया कि झुग्गियों में रहने वाले लगभग 50 मज़दूरों के परिवार ऐसे हैं, जो अभी तक यहां से जा चुके हैं, जिसके बाद झुग्गी बस्ती काफी हद तक खाली हो चुकी है।
लेकिन मानेसर और आसपास के इलाके में रहने वाले लोग औद्योगिक मजदूरों का कहना है कि यह सांप्रदयिक माहौल और हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति मजदूरों को बांटने की साजिश है।
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मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन, मानेसर प्लांट के प्रेसीडेंट, पवन कुमार का कहना है कि, यह पूंजीपति मीडिया मजदूर वर्ग की सच्चाई दबाने के लिए उन्हें हिन्दू या मुस्लिम कह कर बांट रहा है। अगर किसी पर कोई सांप्रदायिक हमला होता है, तो सारी मजदूर यूनियने मिल कर इसका जवाब देंगी।
मारुति उद्योग कामगार यूनियन, गुड़गाँव के प्रेसीडेंट कुलदीप जांघू ने कहा, “हमारे मन में किसी भी मजदूर को लेकर ऐसी कोई भावना नहीं रहती है कि कोई हिन्दू है या कोई मुसलमान है। हमारे लिए सारे मजदूर हमारे भाई हैं।”
पूर्व मारुति वर्कर और प्रोविजनल कमिटी के सदस्य, खुशीराम ने कहा, “हिन्दू कट्टरपंथी संगठनों द्वारा सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश अब तक नाकाम हुई क्यूंकि मजदूर अपनी वर्गीय एकता समझता है। जिस तरीके से बजरंग दल ने सभा की, उसी तरह मजदूरों को भी अपनी सभा करनी चाहिए और इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए कि इस बढ़ती सांप्रदायिकता को कैसे रोका जाए।”
आर्थिक बहिष्कार और मजदूरों के पलायन पर मारुति उद्योग कामगार यूनियन, गुड़गाँव के संयुक्त सचिव, अजय सिंह यादव ने कहा, “अगर रोजगार ही नहीं जहॉग, इंडस्ट्रीज़ ही नहीं होंगी, तो फिर यहां कोई काम करने नहीं आएगा। यहां के लोग भूखे रह जाएंगे। आज सभी की आय बढ़ी है क्यूंकि देश भर से लोग यहां काम करने आए हुए हैं, जिनकी बदौलत सबका व्यापार चल रहा है।”
AICCTU गुड़गाँव के जिला अध्यक्ष, रामकुमार ने कहा, “हम भी हिन्दू हैं, लेकिन इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। मजदूरों की विरोधी शक्ति और उनका शोषण करने वाला पूंजीपति वर्ग इन संगठनों के माध्यम से अपने विचार फैलाता है ताकि मजदूर डर कर काम करता रहे। इससे पूंजीपति ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सके और मजदूर अपनी दिहाड़ी मांगने में भी डरे।”
बेलसोनिका यूनियन, मानेसर के प्रेसीडेंट, मोहिन्दर कपूर ने कहा कि जो संगठन मुस्लिमों के आर्थिक बहिष्कार की बात कर रहे हैं, वह खुद एक समुदाय विशेष को टारगेट कर खुद ही कट्टरपंथियों वाले काम कर रहे हैं, और दूसरों पर कट्टरपंथी होने का इल्जाम लगा रहे हैं।
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उन्होंने कहा, “हमें यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है और हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। इसके खिलाफ हमें रैली या धरण करना पड़े, या जुलूस निकालना पड़े, हम करेंगे और इसका पुरजोर विरोध करेंगे।”
बेलसोनिका यूनियन, मानेसर के महा सचिव, अजित सिंह ने कहा कि मजदूरों को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है। बेलसोनिका यूनियन शुरुआत से इसके खिलाफ है। सरकार द्वारा ध्रुवीकरण की मुहिम चलाई जा रही है, समाज में लोगों को बांटा जा रहा है, दूसरी ओर मजदूर अधिकारों पर हमला तेज कर दिया गया है।
इन्कलाबी मजदूर केंद्र के श्यामवीर ने बताया कि हिन्दू कट्टरपंथी संगठनों द्वारा दहशत का माहौल बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “ट्रेड यूनियने भी कुछ हद तक कम्यूनलाइज हुई हैं लेकिन फैक्ट्री के अंदर यूनियने ऐसा कोई माहौल नहीं बनने दे रही हैं। उनके द्वारा यह प्रचार किया जा रहा है कि इस विभाजन का टारगेट सिर्फ अल्पसंख्यक मजदूर नहीं बल्कि पूरा मजदूर वर्ग है।”
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