किसानों की तरह कनाडा के ट्रक ड्राइवरों ने तंबू गाड़कर घेरी राजधानी, यह है मांग
By आशीष आनंद
भारत के किसान आंदोलन की तर्ज पर कनाडा के ट्रक ड्राइवरों ने अमेरिकी सीमा से लगी राजधानी ओटावा में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सरकार ने हालात हाथ से निकल जाने का हवाला देकर राजधानी में आपातकाल की घोषणा कर दी है।
प्रदर्शनकारी पहली बार 29 जनवरी को राजधानी पहुंचे और शहर की सड़कों पर अपने बड़े रिग खड़े कर दिए और टैंट लगाकर अस्थायी झोंपड़ियां बना लीं। प्रदर्शनकारियों के तेवरों से अधिकारी घबरा गए। वहीं, दिल्ली की तरह कुछ स्थानीय निवासियों ने इस हालत पर नाराजगी जताना शुरू कर दी।
प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन वे अपनी मांग पूरी होने तक न जाने की बात पर अड़ गए। कुल मिलाकर राजधानी एक तरह से प्रदर्शनकारियों से घिरी हुई है।
ओटावा में यह प्रदर्शन COVID प्रतिबंधों के खिलाफ हो रहा है। एक सप्ताह से ज्यादा समय बीत जाने पर भी जब प्रदर्शनकारी कम होने की जगह बढ़ते गए तो मेयर ने आपातकाल की घोषणा कर दी।
मेयर जिम वॉटसन के अनुसार, शहर “पूरी तरह नियंत्रण से बाहर” हो गया, प्रदर्शनकारियों की संख्या पुलिस से कहीं ज्यादा हो चुकी है। ट्रक ड्राइवरों ने ओटावा के डाउनटाउन क्षेत्र का रास्ता रोक दिया है, कारों और टेंटों ने हाईवे बाधित कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन से शहर के लोगों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया, जिससे इमरजेंसी का कदम उठाना पड़ा। मेयर ने अदालत और सरकार के स्तर से समर्थन की जरूरत बताई।
प्रदर्शनकारियों को स्थानीय तबकों से समर्थन हासिल हो रहा है। दिल्ली की तर्ज पर वहां भी सिख समुदाय के लोग लंगर लेकर पहुंचने लगे हैं।
“फ्रीडम कॉन्वॉय” विरोध-प्रदर्शन की शुरुआत तब हुई, जब सरकार ने फैसला लिया कि ट्रक ड्राइवरों को अनिवार्य तौर पर कोविड टीका लगाया जाए।
यूएस-कनाडाई सीमा पार करते समय टीके की अनिवार्यता से खफा ट्रक ड्राइवरों का विरोध धीरे-धीरे COVID-19 स्वास्थ्य प्रतिबंधों और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों में बदल गया।
ट्रक ड्राईवरों का कहना है कि नए नियमों के मुताबिक टीका नहीं लगवाने पर गंतव्य तक पहुंचने पर 14 दिन के क्वारंटीन का फरमान बेतुका है।
भारत के सत्ताधारी दल की तरह ही यहां भी प्रदर्शनकारियों को बदनाम करने की पुरजोर कोशिशें जारी हैं।
मेयर वॉटसन ने हॉर्न, सायरन और आतिशबाजी कर प्रदर्शन करने वाले ट्रक ड्राइवरों को “असंवेदनशील” कहा है। उन्होंने कहा, स्थानीय लोगों ने हॉर्न बजाने और प्रदर्शनकारियों द्वारा परेशान किए जाने, अपमानित किए जाने या रास्ता बंद होने की शिकायत की है।
वहीं, ट्रक ड्राइवरों और उनके समर्थकों ने कहा कि हमारा विरोध सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ है और स्थानीय लोगों ने भी हमें समर्थन दिया है। अगर ऐसा नहीं होता तो सरकार आपातकाल जैसा गैरलोकतांत्रिक कदम नहीं उठाती। उन्होंने कहा, विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक कि कोविड प्रतिबंध हटा नहीं लिए जाते।
पुलिस ने रविवार को प्रदर्शनकारियों को धरने पर आने वाले लोगों को रोकने की कोशिश की और नए नियम बनाए। सुरक्षाबलों ने ट्वीट किया, “प्रदर्शनकारियों को गैस, खाद्य सामग्री आदि मुहैया कराने की कोशिश करने वालों को गिरफ्तार किया जा सकता है।”
यहां बता दें, ड्रक ड्राइवरों का विरोध प्रदर्शन इस बीच लेबनान और तुर्की में भी जबर्दस्त रहा। वहां रोजगार और ईंधन के मुद्दे पर बड़े प्रदर्शनों ने सरकारों को हिला दिया। जबकि फ्रांस समेत कई यूरोपीय देशों में काेविड प्रतिबंधों और अनिवार्य टीकाकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की श्रंखला थमी नहीं है।
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