सरकार का खजाना खाली,नहीं है कर्मचारियों को भी देने भर पैसे
चौंकाने वाली खब़र कर्नाटक से आ रही है जहां बीएस येदुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है, के कई विभागों के मंत्रियों का कहना है कि उनका विभाग पैसों की भारी किल्लत का सामना कर रहा है।
और स्थिती ऐसी है कि अब विभागों के पास अपने कर्मचारियों को भी देने भर पैसे नही बचे है।
बीएस येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्रियों ने राज्य सरकार के सामने आ रहे वित्तीय संकट पर लाचारी जताई है जिसके कारण राज्य के सभी विभागों में कार्य लगभग ठप है।
मंत्रियों ने बताया कि लॉकडाउन के वजह से राज्य के खजाने को काफी राजस्व हानि हुई है।हांलाकि इसका मुल कारण उन्होंने COVID-19 महामारी बताया।
बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री लक्ष्मण सावड़ी ने कहा कि वे विभिन्न सड़क परिवहन निगमों के कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं।
पिछले सात महीनों में परिवहन विभाग ने केएसआरटीसी, बीएमटीसी, एनडब्ल्यूआरटीसी और एनईआरटीसी के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए राज्य सरकार से 1,760 करोड़ रुपये लिए।
उन्होंने बताया कि “हमने दिसंबर में कर्मचारियों को 50% वेतन दिया है, और जनवरी के लिए वेतन का भुगतान अभी बाकी है । हमें यात्रियों से जो भी पैसा मिल रहा है, वह ईंधन पर खर्च होता है। हमारी स्थिती बेहद खराब है।”
मुदिगेरे विधायक एम पी कुमारस्वामी ने कहा,” बाढ़ के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में नहीं जा सकता। लोग अच्छी सड़कों की मांग करते हैं और मैं उन्हें यह नहीं समझा पा रहा हूं कि सरकार के पास कोई फंड नहीं है।”
आरडीपीआर मंत्री के ए सेश्वरप्पा ने कहा कि “वे बाढ़ से संबंधित कार्य नहीं कर सकते क्योंकि अभी तक अनुदान जारी नहीं किया गया है।पिछले साल राज्य सरकार द्वारा बाढ़ से जुड़े कार्यों को शुरू करने के लिए 1500 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, लेकिन इस साल पैसा जारी नहीं किया गया है।”
हज और वक्फ बोर्ड के मंत्री श्रीमंत पाटिल ने कहा कि “राज्य भर में चल रहे शादी महल के कार्यों को पूरा करने के लिए उन्हें 58 करोड़ रुपये की जरूरत है। उन्होंने कहा, वित्तीय दिक्कतों के कारण इसे रोक दिया गया है।”
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