किसानों के जले पर नमक,गेहूं खरीद पर नियम और कड़े किए
अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को किसानों ने देश भर के मंडियो में रोष प्रदर्शन किया।
किसान मोर्चा के नेताओं ने बताया कि एक तरफ देश भर के किसान तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकार ने जले पर नमक छिड़कते हुए गेहूं की खरीद पर नई गाइडलाइंस जारी कर दिया है जो पूरी तरह से किसानों के खिलाफ है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में कृषि कानूनों के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिए।
पंजाब में सुनाम में किसान संगठनों व आढ़ती एसोसिएशन की तरफ से उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। कुरुक्षेत्र व सिरसा में किसानों ने मंडी सचिवों को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिए। बरनाला, जगरांव, रामपुरा, महल कलां समेत अन्य जगहों पर भारी संख्या में किसानों ने तीन कृषि कानूनो व FCI की नई गाइडलाइंस के खिलाफ मंडी सचिवों को ज्ञापन सौपें गए।
किसानों के ऐतिहासिक आंदोलन पेप्सू मुज़ारा लहर को समर्पित आज के दिन उस आन्दोलन के शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया। टीकरी बॉर्डर पर पंहुचे इन आन्दोलनकारियों को सयुंक्त किसान मोर्चा ने अपना आदर्श मानते हुए पूरे जोश से स्वागत किया।
वहीं बिहार के सीतामढ़ी में आयोजित किसान महापंचायत में हजारों की संख्या में पहुंचकर कृषि काननों के खिलाफ प्रदर्शन किया।
उत्तराखंड से निकाली किसान मजदूर जागृति यात्रा 14 वें दिन यूपी के सीतापुर में पहुंची जहां इसका जोरदार स्वागत किया गया। इस यात्रा में व्यापारी संघ व भारी संख्या में आम जनता ने भी भाग लिया और 26 मार्च के भारत बंद को सफल बनाने के लिए समर्थन दिया।
उत्तर प्रदेश के जसरा, प्रयागराज में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मजदूरों व किसानों ने धरना देकर तीनों कृषि कानून वापस लेने, बिजली संशोधन अधिनियम-2020 वापस लेने, एमएसपी का कानूनी अधिकार देना और मनरेगा काम का बकाया भुगतान करने की मांग उठाई।
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